Rajasthan Crisis: सचिन पायलट की जगह राहुल के दिल में, फिर क्या है उनकी चुप्पी का मतलब?
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रही आपसी कलह की वजह से सरकार पर संकट के बादल उमड़ने लगे हैं। राजनैतिक संकट को लंबा वक्त गुजर जाने के बावजूद भी अब तक...
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रही आपसी कलह की वजह से सरकार पर संकट के बादल उमड़ने लगे हैं। राजनैतिक संकट को लंबा वक्त गुजर जाने के बावजूद भी अब तक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से पूरे मसले पर चुप्पी बनाई हुई है।
हालांकि, सोमवार को राहुल गांधी के दफ्तर ने दावा किया कि सचिन पायलट हमेशा से ही राहुल गांधी के दिल में हैं। उन्होंने बताया, 'सचिन और राहुल दोनों एक दूसरे से सीधे बात करते हैं और यह बातचीत अक्सर होती है। उनमें एक दूसरे के लिए बहुत सम्मान और स्नेह है।'
राजस्थान के गहराते संकट के बावजूद भी अब तक राहुल गांधी ने ट्विटर पर कोई भी टिप्पणी नहीं की है। राहुल सोमवार को दो बार ट्विटर पर ट्वीट कर चुके हैं। उन्होंने पहला ट्वीट कोरोना वायरस को लेकर किया था, जबकि दूसरे ट्वीट में उन्होंने लद्दाख में भारत-चीन सीमा विवाद के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था।
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सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा, दोनों ही पूरे मामले से अवगत हैं और सचिन पायलट से संपर्क में हैं। सूत्रों ने दावा किया है कि राहुल और प्रियंका लगातार सचिन पायलट को मनाने में जुटे हुए हैं। सिर्फ, राहुल और प्रियंका ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी पायलट से बात की है और उन्हें मनाने की कोशिश की है।
माना जा रहा है कि राजस्थान पुलिस के स्पेशन ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) के पूछताछ को लेकर भेजे गए नोटिस के बाद से ही सचिन पायलट खफा हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया है कि यह नोटिस सिर्फ सचिन को ही नहीं, बल्कि उन्हें भी मिला है।
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सचिन पायलट का दावा है कि गहलोत सरकार अल्पमत में है और 200 सदस्यों वाली विधानसभा में से उन्हें 30 विधायकों का समर्थन हासिल है। सोमवार दोपहर को हुई विधायक दल की बैठक में विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया और सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था जताई है। इसके विधायकों ने सरकार विरोधी व पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की, फिर चाहे वे पदाधिकारी हों या विधायक दल के सदस्य।
वहीं, दूसरी ओर पार्टी सूत्रों का दावा है कि राजस्थान में कांग्रेस के पास 106 विधायकों का समर्थन है। ये सभी विधायक गहलोत द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल थे। सचिन पायलट और उन्हें समर्थन देने वाले विधायकों ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया था। इसके अलावा कांग्रेस के तकरीबन 20 ऐसे विधायक रहे, जोकि विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए।