वंदे भारत ट्रेनों पर आया यात्रियों का दिल, इस रूट पर 2 करोड़ से ज्यादा लोगों ने की यात्रा
रेलवे की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 5 साल पहले एक रूट पर दो वंदे भारत ट्रेनों के साथ सफर शुरू हुआ। आज 102 वंदे भारत ट्रेनें 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 284 जिलों को कवर करती हैं।
देश की पहली सेमी-हाई स्पीड रेल सर्विस वंदे भारत को 15 फरवरी, 2019 को दिल्ली और वाराणसी के बीच दो ट्रेनों के पहले सेट को हरी झंडी दिखाई गई। इसके बाद से इस साल 31 मार्च तक इनसे 2 करोड़ से अधिक लोग सफर कर चुके हैं। रेलवे अधिकारियों ने सोमवार को अपनी स्थापना के 171 वर्ष पूरे होने के मौके पर यह जानकारी दी। मालूम हो कि भारत में 15 अप्रैल, 1853 को मुंबई और ठाणे के बीच पहली ट्रेन चली थी। अधिकारियों ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में रेलवे का सफर शानदार रहा है। देश के लगभग हर कोने को कवर करने के लिए रेलवे नेटवर्क का सफलतापूर्वक विस्तार हुआ है। आज वंदे भारत आधुनिकीकरण नेटवर्क की नई पहचान बन गई है।
रेलवे की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 5 साल पहले एक रूट पर दो वंदे भारत ट्रेनों के साथ सफर शुरू हुआ। आज 102 वंदे भारत ट्रेनें 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 284 जिलों को कवर कर रही हैं। ये देश के अलग-अलग 100 रेलवे मार्गों पर अपनी सेवाएं दे रही हैं। रेलवे अधिकारियों ने एक और बेहद दिलचस्प आंकड़ा शेयर किया। इसके मुताबिक, साल 2023-24 में वंदे भारत ट्रेनों की ओर से तय की गई दूरी पृथ्वी के 310 चक्कर लगाने के बराबर है। वंदे भारत ट्रेनों में कई विश्व स्तरीय यात्री सुविधाएं मिलती हैं। आज यह नए जमाने की ट्रेन बन चुकी है। रेलवे अधिकारी ने कहा कि यह पावर टेक्नोलॉजी यात्रा को सुगम बनाने में कारगर साबित हुई है।
'वंदे भारत ट्रेन में हवाई जहाज के जैसी सुविधाएं'
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, नेशनल ट्रांसपोर्टर की मेक-इन-इंडिया पहल इस स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन के साथ पूरी हुई। इसने खासतौर से युवा यात्रियों के बीच काफी लोकप्रियता हासिल की है। अधिकारी ने कहा कि यात्रा से जुड़े डेटा खुद ही इसकी लोकप्रियता के बारे में बताते हैं। 15 फरवरी, 2019 को लॉन्च होने के बाद से 2 करोड़ से अधिक यात्रियों ने इससे यात्रा की है। इसकी वजह यह है कि वंदे भारत ट्रेन हवाई जहाज के जैसी सुविधाएं मुहैया कराती है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि यात्री इसकी गति, आरामदायक सीटें, ध्वनि-रोधी कोच, वाईफाई, जीपीएस सिस्टम, प्रत्येक कोच में पेंट्री सुविधाएं और पारदर्शी खिड़की के शीशे से प्रभावित हैं। लोगों को इससे यात्रा करने में आनंद आता है।'