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ट्रेनों-यात्रियों की संख्या के आगे रेलवे का बुनियादी ढांचा कमजोर पड़ा

ट्रेनों और यात्रियों की बढ़ती संख्या के आगे रेलवे का बुनियादी ढांचा कमजोर पड़ जाता है। स्टेशनों पर बने फुटओवर ब्रिज (एफओबी) चलने के लिए संकरे पड़ गए हैं। ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने में 35 हजार से अधिक...

ट्रेनों-यात्रियों की संख्या के आगे रेलवे का बुनियादी ढांचा कमजोर पड़ा
नई दिल्ली। विशेष संवाददाताFri, 29 Sep 2017 10:18 PM
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ट्रेनों और यात्रियों की बढ़ती संख्या के आगे रेलवे का बुनियादी ढांचा कमजोर पड़ जाता है। स्टेशनों पर बने फुटओवर ब्रिज (एफओबी) चलने के लिए संकरे पड़ गए हैं। ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने में 35 हजार से अधिक पुराने पुल सबसे बड़ी बाधा बनकर खड़े हैं। 

चौड़ीकरण का काम नहीं हो सका

रेलवे के सूत्रों ने बताया कि पुराने व बड़े रेलवे स्टेशनों पर तीन से पांच दशक पूर्व एफओबी बनाए गए थे। पिछले दो दशक में ट्रेनों व यात्रियों की संख्या में पांच गुना से अधिक बढ़ोतरी हो चुकी है। इस अनुपात में स्टेशनों पर एफओबी के चौड़ीकरण व नए एफओबी बनाने का काम नहीं हो सका। इसके चलते प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर बने एफओबी चलने के लिए संकरे पड़ते जा रहे हैं। ऐसे स्टेशनों पर सुबह और शाम को प्लेटफॉर्म व एफओबी पर यात्रियों की भारी भीड़ देखी जा सकती है। सर्दी, गर्मी की छुट्टियों व त्योंहारों में स्थिति और भी भयावह हो जाती है।
 
पुलों पर रफ्तार धीमी
कमोबेश यही स्थिति नदियों, नालों, तालाबों पर बने पुलों की है। रेलवे के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में सौ साल पुराने पुलों की संख्या 35437 है। ऐसे पुलों पर ट्रेन प्रतिबंधित 10 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से रेंगती है। पुलों के कारण दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता, दिल्ली-चेन्नई, दिल्ली-अंबाला आदि प्रमुख रूटों पर प्रीमियम ट्रेनों राजधानी, शताब्दी, दुरंतो ट्रेनों की औसत रफ्तार 70 किलोमीटर प्रतिघंटा रह जाती है। ये पुल ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने में सबसे बड़ी बाधा बने हुए हैं। 

बुनियादी ढांचे पर पूरा ध्यान : लोहानी
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने 'हिन्दुस्तान' को बताया कि रेलवे बुनियादी ढांचा मजबूत करने पर सरकार का पूरा ध्यान है। मुंबई के एलफिंस्टन फुटओवर ब्रिज (एफओबी) के बगल में दूसरे ब्रिज के निर्माण को 2016-17 में मंजूरी दी जा चुकी है। इस ब्रिज को बनाने के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। पिछले तीन साल में मुंबई में 16 एफओबी व एक सब-वे बनाया जा चुका है। जबकि 22 एफओबी पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि ए1 व ए श्रेणी के एफओबी के चौड़ीकरण व नए एफओबी बनाने के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है। लोहानी ने बताया कि रेल मंत्री पीयूष गोयल के निर्देश पर बुनियादी ढांचे पर काम तेज कर दिया गया है। इसके साथ ही यात्रियों की संरक्षा मजबूत करने के लिए रेल पटरियों की मरम्मत-रखरखाव का काम सर्वोच्च प्राथमिकता पर हो रहा है।

रेलवे बोर्ड के पास एफओबी के आंकड़े ही नहीं : सहाय
रेलवे बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष विवेक सहाय ने 'हिन्दुस्तान' को बताया कि दुखद स्थिति यह है कि रेलवे बोर्ड के पास देशभर के स्टेशनों पर फुटओवर ब्रिज (एफओबी) का आंकड़ा ही नहीं है, जबकि नीति बनाने का काम बोर्ड का है। ऐसे में किस स्टेशन के एफओबी पर कितनी भीड़ है और वहां एफओबी चौड़ीकरण-नए एफओबी बनाने के लिए बजट का प्रावधान कैसे किया जाएगा। 1996 के बाद रेलवे में आज तक एफओबी का कोई अध्ययन नहीं कराया गया है।

जीर्णोद्धार की सिफारिश की गई थी 
ब्रिज एंड स्ट्रक्चर कमेटी के पूर्व अध्यक्ष ए.के. गोयल ने वर्ष 2011 में 100 साल पुराने पुलों के जीर्णोद्धार की सिफारिश की थी। उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में कानपुर में गंगा नदी पर बने रेल पुल में दरार का जिक्र करते हुए चिंता जाहिर की थी लेकिन पैसे के अभाव में रेलवे जर्जर पुलों पर ट्रेनें चलाने को विवश है।

संसदीय समिति ने भी चिंता जताई थी
संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष दिनेश त्रिवेदी ने 2015 में संसद में रेलवे की अनुदानों की मांग संबंधी रिपोर्ट में रेलवे के बुनियादी ढांचे पर चिंता जताई थी। रेल संरक्षा-सुरक्षा संबंधी परियोजनाओं को कम धन आवंटित करने पर समिति ने नाराजगी जताई थी। समिति ने कहा था कि जिन स्टेशनों पर कम आय होगी, वहां बुनियादी सुविधाएं कम होंगी। फुटओवर ब्रिज की संख्या बढ़ाने व चौड़ीकरण का काम करने का सुझाव दिया था। बड़े-छोटे स्टेशनों पर यात्रियों को समान सुविधाएं मुहैया को कहा था।
 

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