देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन कब तक, रेल मंत्री ने दी बड़ी खुशखबरी, बोले- आज का दिन ऐतिहासिक
अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'यह भारतीय रेलवे के लिए ऐतिहासिक क्षण है जब बहुप्रतीक्षित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की कारबॉडी संरचना को लॉन्च किया गया है। यह ट्रेन यात्रियों को सुलभ आवाजाही मुहैया कराएगी।'
भारतीय रेलवे के इतिहास में 9 मार्च, 2024 की तारीख सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गई है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेनसेट के कारबॉडी स्ट्रक्चर का शनिवार को उद्घाटन किया। इस ट्रेनसेट का निर्माण भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) ने बेंगलुरु में स्थित अपनी रेल यूनिट में किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए वैष्णव ने कहा, 'यह भारतीय रेलवे के लिए ऐतिहासिक क्षण है जब बहुप्रतीक्षित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की कारबॉडी संरचना को लॉन्च किया गया है। यह ट्रेन यात्रियों को सुलभ आवाजाही मुहैया कराएगी और भविष्य में कई सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।'
रेल मंत्री ने बताया कि कारबॉडी स्ट्रक्चर हाई-ग्रेड ऑस्टेनिटिक स्टेनलेस स्टील से तैयार की गई है। इसे बनाते वक्त कड़े सुरक्षा मानकों का पालन हुआ है। ट्रेनसेट में सभी सामग्रियों का इस्तेमाल EN 45545 HL3 ग्रेड के अनुसार ही हुआ है। अग्नि शामक उपायों का पूरा ध्यान रखा गया है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें अपने अंदरूनी हिस्सों, स्लीपर बर्थ और बाहरी सौंदर्य में भी आकर्षक हैं। फ्रंट नोज कोन से लेकर आंतरिक पैनल, सीटों और लाइटों को मानकों का ध्यान रखते हुए डिजाइन किया गया है। इसके निर्माण और संयोजन की पूरी प्रक्रिया बीईएमएल में की गई, जहां गुणवत्ता और शुद्धता विशेष जोर दिया गया।
वैष्णव ने निवेटी सिस्टम्स को भी खूब सराहा
अश्विनी वैष्णव ने स्वदेशी रूप से विकसित 2.4 टीबीपीएस राउटर के लिए निवेटी सिस्टम्स की भी सराहना की। उन्होंने इसे देश के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा, 'मैं बहुत विशेष उद्देश्य के लिए बेंगलुरु आया हूं। स्वदेश में विकसित पहला 2.4 टीबीपीएस राउटर। यह कोई छोटी बात नहीं है। यह वास्तव में हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है।' उन्होंने इच्छा जताई कि आने वाले महीनों में देश में ऐसे हजारों उत्पाद तैयार होंगे और निवेटी 2.4 टीबीपीएस ऐसा प्रोडक्ट बने जो दुनिया भर में निर्यात किया जाए। मंत्री ने कहा कि विनिर्माण अब पुराने जमाने का नहीं रहा, जहां यह व्यावहारिक रूप से यांत्रिक प्रकार की गतिविधि थी। आज विनिर्माण एक ऐसा कार्य है, जहां हार्डवेयर में बहुत सारे सॉफ्टवेयर, नवाचार और मस्तिष्क की शक्ति का संयोजन है।