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लेटर लिखने वालों पर राहुल गांधी ने BJP से मिलीभगत का लगाया आरोप तो कपिल सिब्बल ने नाम लेकर दिया जवाब

कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन और संगठन चुनाव की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं की ओर से लिखे गए पत्र पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी में घमासान जारी है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के...

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लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीMon, 24 Aug 2020 01:18 PM
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कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन और संगठन चुनाव की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं की ओर से लिखे गए पत्र पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी में घमासान जारी है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान राहुल गांधी ने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर बीजेपी से मिलीभगत का आरोप लगाया। जिसके बाद चिट्ठी लिखने वाले नेताओं में से एक कपिल सिब्बल ने जवाब दिया है। कपिल सिब्बल ने ट्विटर पर राहुल गांधी का नाम लेकर कहा कि पिछले 30 साल के दौरान मैंने किसी भी मुद्दे पर बीजेपी के पक्ष में बयानबाजी नहीं की, फिर भी मुझ पर मिलीभगत का आरोप लगाया जा रहा है। 

राहुल गांधी के आरोपों से आहत गुलाम नबी आजाद, इस्तीफा देने की पेशकश

कपिल सिब्बल ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया और लिखा, 'राहुल गांधी कहते हैं कि हम बीजेपी से मिले हुए हैं। राजस्थान उच्च न्यायालय में कांग्रेस पार्टी का सफलतापूर्वक बचाव किया, भाजपा सरकार को गिराने के लिए मणिपुर में पार्टी का बचाव किया, पिछले 30 सालों ने कभी भी किसी मुद्दे पर बीजेपी के पक्ष में बयान नहीं दिया और फिर भी हम भाजपा से मिले हुए हैं।'

वहीं, कपिल सिब्बल के अलावा चिट्ठी लिखने वालों में शामिल गुलाम नबी आजाद ने चिट्ठी लिखने जाने को लेकर सफाई दी है और इस्तीफे की पेशकश भी की है। चिट्ठी मामले पर बीजेपी की मदद करने के आरोप से आहत दुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर यह साबित हो जाता है कि वह किसा रूप में बीजेपी की मदद कर रहे थे तो वे इस्तीफा दे देंगे।

सूत्रों की मानें तो कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि जब हम राजस्थान और मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रहे थे और सोनिया अस्वस्थ थीं तो उस समय यह पत्र क्यों लिखा गया? सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने पार्टी संबंधित मुद्दों को सार्वजनिक करने के लिए नेताओं की आलोचना की और कहा कि इनपर चर्चा सीडब्ल्यूसी में होनी चाहिए न कि मीडिया में।

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दरअसलस, नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस के दो खेमों में नजर आने की स्थिति बनने के बीच पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई सीडब्ल्यूसी की बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हो रही है। सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी तूफान आ गया जब पूर्णकालिक और जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई।

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