Hindi Newsदेश न्यूज़Rahul Gandhi and Priyanka Gandhi meet amidst political crisis in Rajasthan

राजस्थान में सियासी हलचल के बीच राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने की बैठक

राजस्थान विधानसभा के प्रस्तावित सत्र से कुछ दिनों पहले तेज हुई सियासी हलचल की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को बैठक की।...

एजेंसी नई दिल्लीMon, 10 Aug 2020 04:17 PM
share Share
Follow Us on
राजस्थान में सियासी हलचल के बीच राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने की बैठक

राजस्थान विधानसभा के प्रस्तावित सत्र से कुछ दिनों पहले तेज हुई सियासी हलचल की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को बैठक की। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी के आवास पर कांग्रेस के दोनों नेताओं ने बैठक की। माना जा रहा है कि दोनों ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों तथा आगे के कदमों के बारे में चर्चा की।

ऐसी खबरे हैं, पायलट एक बार फिर से कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के संपर्क में हैं और जल्द ही कोई समाधान निकल सकता है। हालांकि, पायलट खेमे और कांग्रेस की तरफ से इसकी आधिकारिक रूप से कोई पुष्टि नहीं हुई है। गौरतलब है कि 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र आरंभ होगा जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहुमत साबित करने का प्रयास करेंगे।

उधर, पायलट और बागी विधायकों के साथ बातचीत और सुलह के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, हमने पहले भी कहा है और आज भी कह रहे हैं कि अगर पायलट और दूसरे बागी विधायक सरकार को अस्थिर करने के प्रयास के लिए माफी मांग लें तो पार्टी उन्हें फिर से अपनाने पर विचार कर सकती है।

मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ खुलकर बगावत करने और विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं होने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पदों से हटा दिया था। बागी रुख अपनाने के साथ ही पायलट कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे।

उनके समर्थक विधायकों का कहना है कि वे गहलोत के नेतृत्व में काम करने के इच्छुक नहीं हैं। पिछले कई हफ्तों से चल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच कांग्रेस ने बार-बार दोहराया है कि अशोक गहलोत सरकार के पास 100 से अधिक विधायकों का समर्थन है और उसके ऊपर कोई खतरा नहीं है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें