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कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था को खोलने पर राहुल गांधी की सलाह, सप्लाई चेन पर सोचे मोदी सरकार

कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन के तीसरे चरण में कई तरह की रियायतें सरकार की तरफ दी गई है। देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का भी प्रयास किया रहा है और इस दिशा में लगातार मंथन हो रहा है। ऐसा माना...

Rajesh Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली।Tue, 5 May 2020 08:03 PM
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कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था को खोलने पर राहुल गांधी की सलाह, सप्लाई चेन पर सोचे मोदी सरकार

कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन के तीसरे चरण में कई तरह की रियायतें सरकार की तरफ दी गई है। देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का भी प्रयास किया रहा है और इस दिशा में लगातार मंथन हो रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि मोदी सरकार की तरफ से दूसरी बार एक और पैकेज ऐलान जल्द किया जा सकता है। इसके साथ ही, जहां एक  तरफ देशभर के फंसे हुए लोगों को उनके राज्यों में पहुंचाया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सशर्त काम करने की इजाजत सरकार की तरफ से दे दी गई है। 

इस बीच कांग्रेस नेता और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वायरस से मुकाबले के लिए जोनों के बारे में सोचें और जब अर्थव्यवस्था को दोबारा खोलने जा रहे हैं तो सप्लाई चेन के बारे में सोचें।

— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 5, 2020

गौरतलब है कि राहुल गांधी कोरोना संकट के बाद अर्थव्यवस्था को लेकर कई लोगों से रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बात की थी। वह लगातार इस विषय पर कई जाने माने लोगों के साथ बातचीत कर रहे हैं। हालांकि, राहुल ने सरकार की तरफ से कई उठाए गए कुछ कदमों का विरोध भी किया है। उन्होंने आरोग्य सेतू पर सवाल उठाते हुए कहा कि टेक्नॉलजी हमें सुरक्षित रहने में मदद कर सकता है, लेकिन भय का लाभ उठाकर लोगों को उनकी सहमति के बिना ट्रैक नहीं किया जाना चाहिए।

राहुल गांधी ने शनिवार को ट्वीट किया, 'आरोग्य सेतु ऐप एक अत्याधुनिक सर्विलांस सिस्टम है, जिसे प्राइवेट ऑपरेटर को आउटसोर्स किया गया है और कोई संस्थागत निगरानी नहीं है, इससे डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी हो रही हैं। टेक्नॉलजी हमें सुरक्षित रहने में मदद कर सकती है, लेकिन भय का लाभ उठाकर लोगों को उनकी सहमति के बिना ट्रैक नहीं किया जाना चाहिए।'

राहुल गांधी ने लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिसों में फंसे मजदूरों से किराया वसूलने के सरकार के फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा कि वह गुत्थी नहीं सुलझा पा रहे हैं कि जब रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री राहत कोष में कोरोना से लड़ने के लिए डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा का योगदान कर सकता है तो वह मजदूरों को निशुल्क घर क्यों नहीं पहुंचा पा रहा है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर सोमवार को कहा, “एक तरफ रेलवे दूसरे राज्यों में फँसे मजदूरों से टिकट का किराया वसूल रही है वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रुपए का चंदा दे रहा है। जरा ये गुत्थी सुलझाइए।”

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