राफेल डील: सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता कर रही- कांग्रेस
राफेल विमान खरीद मामले में मंगलवार को पलटवार करते हुए कांग्रेस ने सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा,वायुसेना ने मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए 126 राफेल...
राफेल विमान खरीद मामले में मंगलवार को पलटवार करते हुए कांग्रेस ने सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा,वायुसेना ने मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए 126 राफेल विमानों की मांग की थी। लेकिन सरकार ने केवल 36 विमानों की खरीद की है। वे भी चार साल बाद आएंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल एवं रणदीप सुरजेवाला ने अलग-अलग प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार को इस मामले में आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, वायुसेना को 36 नहीं, बल्कि 126 विमानों की तत्काल जरूरत है। सिब्बल ने कहा,राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हमें इन विमानों की सख्त जरूरत है। पर सरकार ने 60 हजार करोड़ में सिर्फ 36 विमान खरीदे हैं। इस कीमत पर बाकी विमान खरीदने के लिए दो लाख करोड़ से अधिक रुपये की जरूरत होगी, इतना पैसा सरकार के पास नहीं है। वायुसेना की जरूरत से कम विमान खरीदकर केंद्र सरकार ने देश की सुरक्षा से समझौता किया है।
लोगों को सच्चाई बताए सरकार
कांग्रेस ने कहा, पाकिस्तान की आड़ लेकर सरकार सच्चाई नहीं छिपा सकती। सरकार को विरोधियों के खिलाफ अपशब्द कहने के बजाय राफेल की सच्चाई बतानी चाहिए। अमर्यादित शब्दों और एक झूठ को सौ बार बोलने से झूठ कभी सच नहीं बन सकता। केंद्र सरकार को देशवासियों को राफेल विमान की असली कीमत बतानी चाहिए।
तथ्य ठीक करे सरकार
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र शेखावत को अपने तथ्य सही करने चाहिए। उन्हें यह पता होना चाहिए कि निविदा अगस्त 2007 में जारी की गई थी। 12 दिसंबर 2012 को यह निविदा खुली। 13 मार्च 2014 को यूपीए सरकार ने ऑफसेट साझेदार का ठेका एचएएल को दिया। पर एनडीए सरकार ने ऑफसेट का ठेका औद्योगिक कंपनी को दे दिया।
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