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कोबरा यूनिट के लिए नहीं मिल रहे योग्य अफसर, CRPF ने डिप्टी कमांडेंट के लिए बढ़ाई उम्र सीमा

CRPF के बयान के मुताबिक, "43 वर्ष से कम आयु वर्ग में योग्य डिप्टी कमांडेंट की कमी को ध्यान में रखते हुए कोबरा इकाइयों में शामिल करने के लिए आयु को 43 से बढ़ाकर 45 वर्ष करने की मंजूरी दे दी है।"

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली।Thu, 23 Nov 2023 10:25 AM
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कोबरा यूनिट के लिए नहीं मिल रहे योग्य अफसर, CRPF ने डिप्टी कमांडेंट के लिए बढ़ाई उम्र सीमा

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों के लिए बड़ी खबर है। सीआरपीएफ ने अपने विशेष नक्सल विरोधी बल कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन) के लिए युवा अधिकारियों की भारी कमी को देखते हुए डिप्टी कमांडेंट स्तर के अधिकारियों के लिए आयु सीमा बढ़ा दी है। अधिकारियों की कमी ने देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल को डिप्टी कमांडेंट के लिए आयु सीमा बढ़ाने के फैसले को मंजूरी देने के लिए मजबूर कर दिया है। 

सीआरपीएफ की ओर से जारी एक संदेश में इस फैसले के पीछे का कारण बताया गया है। बयान के मुताबिक, "43 वर्ष से कम आयु वर्ग में योग्य डिप्टी कमांडेंट की कमी को ध्यान में रखते हुए कोबरा इकाइयों में शामिल करने के लिए आयु को 43 से बढ़ाकर 45 वर्ष करने की मंजूरी दे दी है।"

कोबरा यूनिट में पोस्टिंग के लिए केवल इच्छा ही एक मानदंड नहीं होगी। डिप्टी कमांडेंट की उपयुक्तता के समय पर मूल्यांकन के लिए यूनिट स्तर पर अधिकारियों के बोर्ड के गठन की आवश्यकता को भी रेखांकित किया गया है। 

कुछ अधिकारियों ने इस बात पर अफसोस जताया है कि समय पर प्रमोशन नहीं होने के कारण युवा अधिकारी कमांडर स्तर के पदों के लिए पात्र नहीं हैं। इसके कारण सीआरपीएफ को पुराने अधिकारियों को तैनात करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

2019 से पहले CoBRA में शामिल होने के लिए सहायक कमांडेंट रैंक के अधिकारियों के लिए अधिकतम आयु 30 वर्ष तय की गई थी। लेकिन बाद में बल की बदलती गतिशीलता को ध्यान में रखते हुए इस आयु सीमा को 40 साल से नीचे तक बढ़ा दिया गया।

इसी तरह डिप्टी कमांडेंट स्तर के अधिकारियों के लिए कोबरा में शामिल होने की आयु सीमा में बढ़ाने पर विचार किया गया। पहले इसे 38 साल तय किया गया था, लेकिन अब इसे 45 तक बढ़ा दिया गया है।

हाल की एक बैठक में डीजी एसएल थाओसेन ने वामपंथी उग्रवाद क्षेत्रों में सुधार के बारे में बात करते हुए कहा कि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों में शिविरों की स्थापना के दौरान जनसंख्या कवरेज को हमेशा प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

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