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2015 राजद्रोह केस पर बोलीं प्रियंका गांधी: हार्दिक पटेल को लगातार परेशान कर रही है भाजपा

कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की गिफ्तारी और न्यायिक हिरासत में भेजे जाने को लेकर महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भाजपा पर कांग्रेस नेता...

2015 राजद्रोह केस पर बोलीं प्रियंका गांधी: हार्दिक पटेल को लगातार परेशान कर रही है भाजपा
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSun, 19 Jan 2020 12:27 PM
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कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की गिफ्तारी और न्यायिक हिरासत में भेजे जाने को लेकर महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भाजपा पर कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को लगातार परेशान करने का रविवार को आरोप लगाया। हार्दिक पटेल को 2015 में राजद्रोह के एक मामले में एक अदालत के समक्ष पेश नहीं होने पर गिरफ्तार किया गया है।

कांग्रेस महासचिव ने ट्वीट किया, 'युवाओं के रोजगार और किसानों के हक की लड़ाई लड़ने वाले युवा हार्दिक पटेल को भाजपा बार-बार परेशान कर रही है।' उन्होंने कहा, 'हार्दिक ने अपने समाज के लोगों की आवाज उठाई, उनके लिए नौकरियां मांगी, छात्रवृत्ति मांगी। किसान आंदोलन किया। भाजपा इसे "देशद्रोह" बता रही है।

हार्दिक पटेल को राजद्रोह के एक मामले में निचली अदालत में पेश नहीं होने के कारण गुजरात में अहमदाबाद जिले के वीरमगाम तालुका से शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। उनके खिलाफ वारंट जारी होने के कुछ घंटों बाद ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को राजद्रोह के एक मामले में 24 जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 

क्या है मामला
यह मामला 25 अगस्त 2015 को अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में हुई विशाल पाटीदार आरक्षण समर्थक रैली के बाद हुए राज्यव्यापी तोड़फोड़ और हिंसा को लेकर यहां क्राइम ब्रांच ने उसी साल अक्टूबर में दर्ज किया था। इसमें कई सरकारी बसें, पुलिस चौकियां और अन्य सरकारी संपत्ति में आगजनी की गई थी तथा इस दौरान एक पुलिसकर्मी समेत लगभग दर्जन भर लोग मारे गए थे जिनमें कई पुलिस फायरिंग के चलते मरे थे। पुलिस ने आरोप पत्र में हार्दिक और उनके सहयोगियों पर चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए हिंसा फैलाने का षडयंत्र करने का आरोप लगाया था।

अतिरिक्त जिला न्यायाधीश बी जे गणात्रा की अदालत ने हार्दिक के खिलाफ वारंट जारी करने के बाद मामले की सुनवाई की अगली तिथि 24 जनवरी तय कर दी। सरकारी वकील सुधीर ब्रह्मभट्ट ने बताया कि उन्होंने अदालत में दलील दी थी कि हार्दिक को हालंकि इस मामले में हाई कोर्ट ने इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह मामले की सुनवाई में सहयोग करेंगे पर वह ऐसा नहीं कर रहे। वह किसी न किसी बहाने से अनुपस्थित रहते हैं। ब्रह्मभट्ट ने कहा कि अब हार्दिक की जमानत भी रद्द हो सकती है। अदालत चाहे तो पेशी के बाद वारंट रद्द भी कर सकती है।

मामले के दो अन्य आरोपी दिनेश बांभणिया और चिराग पटेल शनिवार को अदालत में उपस्थित रहे। गौरतलब है कि हार्दिक के खिलाफ सूरत में राजद्रोह का एक अन्य मामला भी दर्ज है। उस मामले में उन्हें हाई कोर्ट से जमानत मिली हुई है। वह दोनो मामलों में लगभग नौ महीने तक जेल में रहे थे और रिहाई के बाद जमानत की शर्त के अनुरूप छह माह तक गुजरात के बाहर भी रहे थे।

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