राजस्थान सियासी संकट: कांग्रेस वॉर रूम में राहुल, प्रियंका और पटेल के सामने पायलट ने रखी अपनी बात
राजस्थान में सियासी संकट खत्म होने की उम्मीदों के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल ने सोमवार (10 अगस्त) रात...
राजस्थान में सियासी संकट खत्म होने की उम्मीदों के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल ने सोमवार (10 अगस्त) रात प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ बैठक की। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस का वार रूम कहे जाने वाले 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड पर हुई बैठक में पायलट ने विस्तार से अपने मुद्दे रखे।
इससे पहले पायलट ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी। इसके बाद पार्टी ने मामले के 'उचित समाधान के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन का फैसला किया। पायलट की कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात विधानसभा सत्र आरंभ होने से कुछ दिनों पहले हुई है।14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र आरंभ होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ खुलकर बगावत करने और विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं होने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पदों से हटा दिया था।
Delhi: Sachin Pilot & other MLAs supporting him held a meeting with Congress leaders Priyanka Gandhi Vadra, Ahmed Patel and KC Venugopal today pic.twitter.com/tdHVNE5VCc
— ANI (@ANI) August 10, 2020
बता दें कि राजस्थान में विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले सचिन पायलट ने सोमवार को दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की। सूत्रों की माने तो इस मुलाकात में सचिन पायलट ने अपनी और बागी विधायकों की समस्यों के बारे में राहुल और प्रियंका गांधी को पूरी जानकारी दी। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि राहुल और प्रियंका के साथ मुलाकात के दौरान सचिन पायलट ने यह साफ किया है कि उनका कदम कांग्रेस पार्टी के खिलाफ नहीं बल्कि अशोक गहलोत के विरोध में है। पायलट ने राजस्थान में सियासी संकट के पीछे की पूरी कहानी बताई। साथ में उन्होंने यह भी बताया कि वो क्यों बगावत को मजबूर हुए।
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गौरतलब है कि 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र आरंभ होगा जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहुमत साबित करने का प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ खुलकर बगावत करने और विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं होने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पदों से हटा दिया था। बागी रुख अपनाने के साथ ही पायलट कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे।