ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशसाइबर स्पेस कॉन्फ्रेंस: VIDEO तकनीक के बेहतर उपयोग से बची 10 अरब डॉलर की राशि- मोदी  

साइबर स्पेस कॉन्फ्रेंस: VIDEO तकनीक के बेहतर उपयोग से बची 10 अरब डॉलर की राशि- मोदी  

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार डिजिटल पहुंच के माध्यम से लोगों का सशक्तिकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है और आधार  की मदद से सब्सिडी को लक्षित लोगों तक बेहतर तरीके से पहुंचाने से दस...

Anandनयी दिल्ली, एजेंसी।Thu, 23 Nov 2017 01:37 PM

साइबर स्पेस कॉन्फ्रेंस: तकनीक के बेहतर उपयोग से बची 10 अरब डॉलर की राशि- मोदी  

साइबर स्पेस कॉन्फ्रेंस: तकनीक के बेहतर उपयोग से बची 10 अरब डॉलर की राशि- मोदी   1 / 2

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार डिजिटल पहुंच के माध्यम से लोगों का सशक्तिकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है और आधार  की मदद से सब्सिडी को लक्षित लोगों तक बेहतर तरीके से पहुंचाने से दस अरब डालर की राशि बचाने में मदद मिली है। 

''वैश्विक साइबर स्पेस सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी सबको समानता पर लाने की बड़ी क्षमता रखती है और इसने सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने, प्रशासन में सुधार और शिक्षा से ले कर स्वास्थ्य तक के क्षेत्र में कारगर मदद की है। 

मोदी ने कहा कि सरकार डिजिटल पहुंच के माध्यम से लोगों का सशक्तिकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आधार की मदद से सब्सिडी को लक्षित लोगों तक बेहतर तरीके से पहुंचाने से दस अरब डालर की राशि बचाने में मदद मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन में जन धन बैंक अकाउंट, आधार प्‍लेटफार्म और मोबाइल माध्यम पर जोर दिया और कहा कि इससे भ्रष्‍टाचार को कम कर पारदर्शिता लाने में मदद मिल रही है। 

मोदी ने डिजिटल माध्यम और प्रौद्योगिकी की सराहना करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी हर बाधा को तोड़ती है। सरकार डिजिटल पहुंच के माध्यम से लोगों का सशक्तिकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है ।
    
साइबर हमले को बड़ा खतरा करार देते हुए उन्होंने कहा कि डिजिटल स्पेस का इस्तेमाल आतंकवाद के लिये नहीं किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि देशों को इस बात की जिम्मेदारी लेना सुनिश्चित करना चाहिए कि डिजिटल स्पेस आतंकवाद और कट्टरपंथ का मैदान नहीं बने । 

प्रधानमंत्री ने कहा कि सम्मेलन का विषय ''टिकाऊ विकास के लिये सुरक्षित और समावेशी साइबर स्पेस है जो मानवता से जुड़े महत्वपूर्ण परिसम्पत्तियों की सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करता है । वैश्विक समुदाय को साइबर स्पेस की सुरक्षा के विषय से विश्वास और संकल्प के साथ निपटना चाहिए । साइबर स्पेस प्रौद्योगिकी को लोगों के सशक्तिकरण का वाहक बनना चाहिए । 
       
उन्होंने कहा, ''खुले और सुलभ इंटरनेट की खोज अक्सर खतरे को बुलावा देती है। वेबसाइट की हैकिंग और उसे विकृत बनाने की खबरे तो छोटी बात हैं । इनसे स्पष्ट होता है कि साइबर हमले एक बड़ा खतरा है विशेष तौर पर लोकतांत्रिक विश्व में । हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हमारे समाज के संवेदनशील वर्ग साइबर अपराधियों की दुष्ट साजिशों के जाल में नहीं फंसे । हमें इसके लिये सजग रहने की जरूरत है ।  
     
मोदी ने कहा कि इस संबंध में इस बात पर काफी ध्यान देने की जरूरत है कि साइबर खतरों से निपटने के लिये हमारे पास अच्छी तरह से प्रशिक्षित और सक्षम पेशेवर हों । साइबर योद्धाओं को ऐसे साइबर हमलों के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। 
     
उन्होंने कहा , '' 'हैकिंग शब्द ने आज रोमांचक रूप ले लिया है, हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि साइबर सुरक्षा हमारे युवाओं के कैरियर के लिये आकर्षक और व्यवहार्य विकल्प बने ।  
    
मोदी ने कहा कि इसी के साथ सभी देशों को यह जिम्मेदारी लेना सुनिश्चित करना चाहिए कि डिजिटल स्पेस आतंकवाद और कट्टरपंथ की अंधकारपूर्ण ताकतों का मैदान नहीं बनना चाहिए। सूचनाओं का आदान प्रदान और सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल इस खतरे के लगातार बदलते स्वरूप से निपटने के लिये महत्वपूर्ण है।  
    
दुनिया के अनेक देशों के प्रतिनिधियों एवं साइबर विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर एक तरफ हम निजता और खुलापन के बीच बारीक संतुलन बनाने के साथ राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकेंगे । साथ मिलकर वैश्विक एवं मुक्त व्यवस्था और हर देश से जुड़ी कानूनी जरूरतों के विषय पर हमारे मतभेदों को दूर कर सकेंगे । 
     
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि पिछले कुछ दशकों में साइबर स्पेस ने दुनिया में किस प्रकार से बदलाव लाने का काम किया है। हमसे पहले की पीढ़ी को बड़े बड़े मेनफ्रेम कम्प्यूटर प्रणाली का स्मरण होगा । इसके बाद से काफी चीजें बदल गई हैं । ई मेल और पर्सनल कम्प्यूटर से 90 के दशक में नई क्रांति आई । और इसके बाद मोबाइल फोन और सोशल मीडिया ने डाटा संग्रह और संचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया । 
     
उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारी प्रतिभाओं को दुनियाभर में मान्यता मिली है । वैश्विक स्तर पर भारतीय आईटी कंपनियों ने नाम कमाया है।      
उल्लेखनीय है कि इस सम्मेलन में मुख्य रूप से साइबर फॉर डिजिटल इन्क्लूजन, साइबर फॉर इन्क्लूसिव ग्रोथ, साइबर फॉर सिक्योरिटी और साइबर फॉर डिप्लोमेसी पर चर्चा की जाएगी तथा वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये एवं व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर फ्रांस, जापान, इजरायल और ब्रिटेन सहित दुनिया के काफी संख्या में देश इसमें हिस्सा ले रहे हैं । इस सम्मेलन में श्रीलंका के प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे भी हिस्सा ले रहे हैं । 

कैबिनेट बैठक: 15वें वित्त आयोग को मंजूरी, CPSE कर्मियों के लिए बनेगी वेतन नीति, जजों की भी बढ़ेगी सैलरी

 

उमंग से घर बैठे कर सकते हैं इन सरकारी सुविधाओं का इस्तेमाल

उमंग से घर बैठे कर सकते हैं इन सरकारी सुविधाओं का इस्तेमाल2 / 2

उंगलियों पर होंगी ये सरकारी सुविधाएं
स्वास्थ्य : स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 
किसान : फसल बीमा, मृदा स्वास्थ्य कार्ड व एग्मार्कनेट, किसान सुविधा, अन्नपूर्णा कृषि प्रसार सेवा
शिक्षा : राष्ट्रीय छात्रवृत्ति,  ई-पाठशाला, एआईसीटीई, केंद्रीय विद्यालय
युवा : प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना
घरेलू सुविधाएं :  गैस बुकिंग
पेंशन : जीवन प्रमाण, नेशनल पेंशन योजना आदि 

पहल:GST के बाद अब 50 साल पुराने इंकम टैक्स कानून में बड़े सुधार की तैयारी

पैन व आधार के लिए आवेदन 
‘उमंग’ एप के जरिए पैन कार्ड, पासपोर्ट और आधार कार्ड के लिए आवेदन कर सकेंगे। 
अन्य सुविधाएं : महिला सुरक्षा, अपराध और अपराधियों की ट्रैकिंग, ई-पोस्ट, आयकर भुगतान, वाणिज्य कर, पीएफ, रेलवे, एनपीएस, ई-राही, ई-माइग्रेट, जीवन प्रमाण पत्र आदि। 

घर बैठे निकाल सकेंगे पीएफ 
सरकार की मानें तो ‘उमंग’ एक मास्टर एप होगा। इसके माध्यम से आप अपने पीएफ से पैसा भी निकाल सकते हैं। इससे देश के 4 करोड़ से ज्यादा लोगों को लाभ होगा। इस एप के जरिए आप अपने पीएफ और एनपीएफ की राशि को भी देख सकेंगे। 

बिना आधार भी मिलेगा फायदा: दूसरे दस्तावेजों से मिलेगी सब्सिडी

दस्तावेज भी रख सकेंगे सुरक्षित 
‘उमंग’ एप के जरिए उपयोगकर्ता अपने डिजिटल दस्तावेज और प्रमाण पत्र सरकारी कामों के लिए भेज सकते हैं और अपने खाते में इन दस्तावेजों को सुरक्षित भी रख सकेंगे। 

 मोबाइल और आधार से लॉगिन 
‘उमंग’ एप में लॉगिन सुविधा सिर्फ मोबाइल नंबर या आधार नंबर से उपलब्ध है। इसमें लॉगिन करने के लिए भी ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) की जरूरत होगी। 

केंद्र का फैसला:आधार के बिना भी 31 दिसंबर तक मिलेगा पीडीएस के तहत राशन

‘उमंग’ की खास बातें 
--13 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध 
--1200 से ज्यादा अहम सेवाएं एप पर उपलब्ध होंगी 3 साल के भीतर 
--आधार, डिजीलॉकर और पेमेंट गेटवे के साथ एकीकरण 
--15 एमबी जगह ही लेता है यह एप 
--फीचर फोन, टैबलेट और डेस्कटॉप पर भी उपयोग संभव 
--सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक ग्राहक सेवा सहयोग 

इंकारः SMS के जरिये आधार से मोबाइल लिंक नहीं होगा,UIDAI की मंजूरी नहीं

कैसे करें उपयोग 
-गूगल प्ले स्टोर पर जाकर ‘उमंग’ डाउनलोड करें 
-अपना प्रोफाइल बनाएं और अपडेट करें 
-श्रेणियों व सेवाओं को क्रमबद्ध व फिल्टर करें 

वोटर आईडी नहीं तो आधार कार्ड दिखाकर डालें वोट 

कैबिनेट बैठक: 15वें वित्त आयोग को मंजूरी, CPSE कर्मियों के लिए बनेगी वेतन नीति, जजों की भी बढ़ेगी सैलरी