ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशवामदलों पर नेतृत्व बदलने का दबाव, माकपा-भाकपा में कई स्तर पर समीक्षा बैठक

वामदलों पर नेतृत्व बदलने का दबाव, माकपा-भाकपा में कई स्तर पर समीक्षा बैठक

लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद वामपंथी दलों के भीतर हलचल मची हुई है। दो बड़े वामपंथी दलों माकपा और भाकपा में कई स्तरों पर समीक्षा बैठकें भी हुई हैं और यह दौर अभी आगे भी जारी...

वामदलों पर नेतृत्व बदलने का दबाव, माकपा-भाकपा में कई स्तर पर समीक्षा बैठक
मदन जैड़ा,नई दिल्लीSat, 15 Jun 2019 04:21 AM
ऐप पर पढ़ें

लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद वामपंथी दलों के भीतर हलचल मची हुई है। दो बड़े वामपंथी दलों माकपा और भाकपा में कई स्तरों पर समीक्षा बैठकें भी हुई हैं और यह दौर अभी आगे भी जारी रहेगा। 

आरंभिक रुझान इन दलों से यह आ रहे हैं कि नए नेतृत्व को कमान सौंपी जाए ताकि नए सिरे से वामदल अपनी जमीन तलाश कर सकें। दूसरे, आर्थिक और श्रमिक मुद्दों पर जन आंदोलन तेज करने की रणनीति भी बन रही है। 

कभी वर्चस्व रहा था 

डेढ़ दशक पूर्व जो माकपा अकेले 43 सीटें जीतकर आई थी, आज वह तीन सीटों पर सिमट गई है। पिछली लोकसभा में वामदलों के 11 सांसद थे जो अब घटकर पांच रह गए हैं। फारवर्ड ब्लॉक और आरएसपी एक भी सीट नहीं जीत पाए। पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में वामदलों का खाता नहीं खुल सका। माकपा और भाकपा में इस हार को लेकर जितनी भी बैठकें हुई हैं, उसमें रास्ता निकालने के उपायों पर चर्चा जारी है। 

युवा नेताओं की भारी कमी

माकपा के सूत्रों के अनुसार, पार्टी में नए नेतृत्व को कमान दिए जाने के सुझाव मिले हैं। पार्टी में ज्यादातर वरिष्ठ नेता उम्रदराज हो चुके हैं। दूसरी पंक्ति के नेता बहुत कम हैं। युवा नेताओं की भारी कमी है। ऐसे में पार्टी में बदलाव लाकर उसे अन्य दलों के मुकाबले में खड़ा करने की बात हो रही है। लेकिन इन सब सुझावों पर अभी शीर्ष स्तर पर चर्चा होनी है। इसी प्रकार भाकपा महासचिव सुधाकर रेड्डी कहते हैं कि पार्टी की बैठकों में चर्चा हुई है। संगठन को मजबूत बनाने और जन आंदोलन तेज कर जनता के बीच जाएंगे। 

कांग्रेस नेता के भाई ने महिला को सरेआम लात-घूसों से पीटा, 6 गिरफ्तार

हड़ताल से बंगाल में बिगड़े हालात, 300 से अधिक डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें