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हिंदी न्यूज़ देशसत्ता में हमेशा नहीं रहेंगे, राहुल की सांसदी छिनने को दुर्भाग्यपूर्ण बता केंद्र पर बरसे PK; अटल जी का भी जिक्र

सत्ता में हमेशा नहीं रहेंगे, राहुल की सांसदी छिनने को दुर्भाग्यपूर्ण बता केंद्र पर बरसे PK; अटल जी का भी जिक्र

राहुल की सांसदी छिनने पर प्रशांत ने केंद्र की ओर इशारा करते हुए कहा कि बात प्रेम दिखाने की नहीं, लोकतंत्र के प्रति सम्मान और बड़ा मन करने की है। जब आप सत्ता में बैठे हैं तो कोई परमानेंट नहीं हैं।

सत्ता में हमेशा नहीं रहेंगे, राहुल की सांसदी छिनने को दुर्भाग्यपूर्ण बता केंद्र पर बरसे PK; अटल जी का भी जिक्र
Madan Tiwariलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीWed, 29 Mar 2023 10:04 PM
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'जन सुराज' के प्रमुख और पूर्व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किए जाने के मामले में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने राहुल की सांसदी जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के हक में नहीं है। नियम अपनी जगह पर है। बीजेपी के कद्दावर नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता है। प्रशांत किशोर ने कहा, ''कोर्ट ने अपनी समझ से जो फैसला देना था, वह दिया, लेकिन जो सरकार में हैं, उन्हें राहुल गांधी को इतना समय जरूर देना चाहिए था कि वे ऊपर की कोर्ट अपील कर पाते। यदि उसके बाद भी ऊपर की कोर्ट ने यही फैसला दिया होता, तब उन्हें अयोग्य करार दे सकते थे।'' पीके ने कहा कि सत्ता में हमेशा कोई नहीं रहता है।

प्रशांत किशोर (पीके) ने 'आजतक' से एक इंटरव्यू में कहा, ''बात प्रेम दिखाने की नहीं, लोकतंत्र के प्रति सम्मान और बड़ा मन करने की है। जब आप सत्ता में बैठे हैं तो कोई परमानेंट नहीं है। यही गांधी परिवार भी सत्ता में रहा है। कोई जानता नहीं है कि भविष्य में कौन सत्ता में रहेगा। इस वजह से लोकतंत्र की जो मर्यादा है, उसके तहत विद्वानों ने बताया है कि जब आप मजबूत स्थिति में हों, तब आपको दिल बड़ा रखना चाहिए।''

जब पीके से सवाल पूछा गया कि क्या इस मामले में दिल्ली से उनके पास कोई सलाह लेने के लिए फोन आया है? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि मैं गांव में बैठा हूं और किसी ने मुझसे सलाह नहीं मांगी। मैंने दिल्ली में कांग्रेस को पहले कहा था कि यदि वे कांग्रेस को पुनर्जीवित करना चाहते हैं तो समाज के स्तर पर कोशिश करिए। उस समय भी साफ किया था कि कोई चुनावी ब्लूप्रिंट नहीं था, बल्कि कांग्रेस को जमीनी स्तर पर खड़ा करने का समय लगता। कांग्रेस भी यही चाहती थी कि मैं यह करूं लेकिन जो उन्होंने व्यवस्था बनाई, उससे मेरी सहमति नहीं थी।  

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि कांग्रेस की जमीन पर स्थिति कमजोर है, यह सबको ही दिख रहा है। 1984 के बाद कांग्रेस देश में नहीं जीती है, लेकिन यह भी सच्चाई है कि 2004 में इसी कांग्रेस और विपक्ष ने वाजपेयी जैसे लोकप्रिय नेता वाले बीजेपी को हरा दिया। यह जरूर है कि बीजेपी मजबूत स्थिति में है और जो सत्ता में रहता है, वह मजबूत दिखता है, लेकिन 2019 में बीजेपी को 38 फीसदी ही वोट मिला है। बहुमत यानी कि 62 फीसदी लोगों ने बीजेपी को वोट नहीं दिया। बस जरूरत यह है कि इन 62 फीसदी को कोई इकट्ठा कर ले।