नीतीश कुमार पर बरसे प्रशांत किशोर, कहा- अपने रंग में रंगने की आपकी खराब कोशिश
जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस बयान का जवाब दिया है, जिसमें कहा गया था कि जिसे पार्टी से जाना है वो जाए। प्रशांत किशोर ने ट्वीट में नीतीश कुमार को लिखा...
जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस बयान का जवाब दिया है, जिसमें कहा गया था कि जिसे पार्टी से जाना है वो जाए। प्रशांत किशोर ने ट्वीट में नीतीश कुमार को लिखा है कि आपकी ओर से खराब कोशिश है, मुझे अपने रंग में रंगने की।
प्रशांत किशोर ने लिखा, 'आप मुझे जेडीयू में क्यों और कैसे लेकर आए, इसको लेकर इतना गिरा हुआ झूठ बोल रहे हैं। आपकी ओर से खराब कोशिश है, मुझे अपने रंग में रंगने की। यदि आप सच बोल रहे हैं तो कौन विश्वास करेगा कि आपमें इतनी हिम्मत है कि अमित शाह के भेजे गए शख्स की न सुनें।'
.@NitishKumar what a fall for you to lie about how and why you made me join JDU!! Poor attempt on your part to try and make my colour same as yours!
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) January 28, 2020
And if you are telling the truth who would believe that you still have courage not to listen to someone recommended by @AmitShah?
नीतीश कुमार ने कहा था कि बीजेपी नेता अमित शाह के कहने पर प्रशांत किशोर को जेडीयू में लिया, और अब जिसे जहां जाना है, जा सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर और पवन वर्मा के संबंध में पूछे जाने पर कहा, 'जिसे जहां जाना है जाए। हमारे यहां ट्वीट के कोई मतलब नहीं हैं। जिसे ट्वीट करना है करे। हमारी पार्टी में बड़े और बुद्धिजीवी लोगों की जगह नहीं है। सब सामान्य और जमीनी लोग हैं।'
नीतीश ने कहा कि किसी को हम थोड़े पार्टी में लाए हैं। अमित शाह ने मुझे कहा प्रशांत किशोर को जेडीयू में शामिल करने के लिए तब मैंने उन्हें शामिल कराया। मुझे पता चला है कि पीके (प्रशांत किशोर) आम आदमी पार्टी के लिए रणनीति बना रहे हैं। ऐसे में अब उन्हीं से पूछना चाहिए कि वह जेडीयू में रहना चाहते हैं या नहीं।
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर सीएए को लेकर लगातार सवाल खड़े करते रहे हैं। प्रशांत ने पार्टी के रुख पर भी सवाल खड़ा किया था। प्रशांत किशोर ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी पर तंज कसते हुए उन्हें 'परिस्थितिजन्य उपमुख्यमंत्री' करार दिया था। उनके इस बयान पर बीजेपी नेताओं ने इन दोनों नेताओं की जेडीयू के वरिष्ठ नेताओं से शिकायत की थी।