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प्रदूषण पर संसद में बहस: सांसद बोले, 'सिर्फ पराली जिम्मेदार नहीं, पीएम इससे निपटने के लिए कमान संभालें'

दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई शहरों में प्रदूषण के प्रकोप पर मंगलवार को लोकसभा में सांसदों ने चिंता जताई। भाजपा, कांग्रेस, बीजद समेत कई दलों के सांसदों ने वाहनों और उद्योगों से निकलने वाले धुएं को...

प्रदूषण पर संसद में बहस: सांसद बोले, 'सिर्फ पराली जिम्मेदार नहीं, पीएम इससे निपटने के लिए कमान संभालें'
विशेष संवाददाता,नई दिल्लीWed, 20 Nov 2019 05:42 AM
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दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई शहरों में प्रदूषण के प्रकोप पर मंगलवार को लोकसभा में सांसदों ने चिंता जताई। भाजपा, कांग्रेस, बीजद समेत कई दलों के सांसदों ने वाहनों और उद्योगों से निकलने वाले धुएं को इसके लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार माना और पराली जलाने वाले किसानों  का बचाव किया।

करीब ढाई घंटे की चर्चा के दौरान सांसदों ने दुनिया के अन्य शहरों का उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली में भी आबोहवा को पूरी तरह साफ किया जा सकता है और इसके लिए केंद्र तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कमान संभालनी चाहिए।

कांग्रेस के मनीष तिवारी, बीजद के पिनाकी मिश्रा, भाजपा के प्रवेश वर्मा ने कहा कि पराली जलने से प्रदूषण फैलने के दावे निराधार हैं। प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली में 200 दिन वायु गुणवत्ता गंभीर बनी रहती है, सिर्फ 50 से 60 दिन ही तो पराली जलाई जाती है, ऐसे में सिर्फ पराली जिम्मेदार नहीं।

पश्चिम बंगाल की सांसद डॉ. काकोली घोष ने कहा कि हर व्यक्ति को स्वच्छ हवा में सांस लेने का अधिकार है, यह सुनिश्चित करना चाहिए। चर्चा बुधवार (20 नवंबर) को भी जारी रहेगी। कई और सांसदों को बोलने का मौका दिया जा सकता है। इसके बाद पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर जवाब देंगे। राज्यसभा में भी इस पर बहस की जाएगी

सियासत भी: लोकसभा में चर्चा के दौरान भाजपा सांसदों ने दिल्ली सरकार को घेरा। आम आदमी पार्टी ने भाजपा सांसदों के बयानों की कड़ी निंदा की। 
 साझा जिम्मेदारी तय हो 

सवाल
* प्रदूषण पर काबू पाने के लिए कोर्ट को क्यों दखल देना पड़ता है
किसानों से पराली खरीदकर समस्या क्यों नहीं सुलझाते
बीजिंग की हवा साफ हो सकती है तो हमारे यहां क्यों नहीं

समस्या
भारत को प्रदूषण से हर साल 17 हजार करोड़ का नुकसान।
41% वायु प्रदूषण गाड़ियों और 21% धूल की वजह से।
45 सिगरेट जितनी घातक हवा से कैंसर और अस्थमा हो रहा।

सुझाव
स्वच्छ भारत की तरह स्वच्छ हवा मिशन लांच कर सकते हैं।
पराली से कागज, बिजली आदि बनाने के संयंत्र लगा सकते हैं।
अन्य मामलों की तरह प्रदूषण पर भी संसद की स्थायी समिति बने।

कई वैज्ञानिकों ने दुनिया के अंत की बात कही है। शहरों में धुंध देखकर डर सताने लगा है कि भविष्य के लिए कही यह बात कहीं अभी सच न हो जाए। 
-रामनाथ कोविंद, राष्ट्रपति
(राष्ट्रपति भवन में एक कार्यक्रम के दौरान) 

दिल्ली-एनसीआर का हाल
दिल्ली   -  242
गाजियाबाद  -  330
नोएडा  -  256
फरीदाबाद  -  192
गुरुग्राम  -  125 

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