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सोशल मीडिया पर चंद ट्वीट तय करते राजनीतिक एजेंडा, Twitter पर कट्टर समर्थकों के बीच मतभेद अधिक

हर दिन सोशल मीडिया पर चलने वाली राजनीतिक बहसों को खड़ा करने के पीछे चंद ट्वीट ही होते हैं। अमेरिका की प्रतिष्ठित संस्था प्यू रिसर्च सेंटर ने अपने अध्ययन के आधार पर यह दावा किया है। रिसर्च में बताया...

सोशल मीडिया पर चंद ट्वीट तय करते राजनीतिक एजेंडा, Twitter पर कट्टर समर्थकों के बीच मतभेद अधिक
हिन्दुस्तान ब्यूरो,नई दिल्ली।Thu, 22 Oct 2020 06:05 AM
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हर दिन सोशल मीडिया पर चलने वाली राजनीतिक बहसों को खड़ा करने के पीछे चंद ट्वीट ही होते हैं। अमेरिका की प्रतिष्ठित संस्था प्यू रिसर्च सेंटर ने अपने अध्ययन के आधार पर यह दावा किया है। रिसर्च में बताया गया कि टि्वटर पर मौजूद मात्र 10 प्रतिशत यूजर के राजनीतिक विषय से जुड़े ट्वीट हर दिन 97 प्रतिशत राजनीतिक बहसों के लिए जिम्मेदार हैं।

अमेरिकियों पर किए अध्ययन में पाया कि लगभग 80% से 85% लोग राजनीतिक गतिविधियों में रुचि नहीं रखते या बहुत कम रुचि रखते हैं। हर राजनीतिक उठा-पटक पर बारीक नजर रखने वालों की संख्या मात्र 15 से 20% ही है। इनमें भी मात्र 45% लोग राजनीति से जुड़े पोस्ट करते हैं। गैर राजनीतिक पोस्ट करने वालों की संख्या 11 प्रतिशत है।

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टि्वटर की मुखर आवाज जनता की प्रतिनिधि नहीं
इस आधार पर रिपोर्ट का दावा है कि सोशल मीडिया खासकर टि्वटर पर मुखरता से अपनी राजनीतिक राय रखने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है और वे किसी पब्लिक ओपीनियन का प्रतिनिधित्व नहीं करते। आमतौर पर यह मान लिया जाता है कि ये लोग जो सोच रहे हैं, बाकी जनता भी लगभग वैसा ही सोच रही होगी और यही पर राजनीतिक दलों को खेल करने का मौका मिल जाता है।

कट्टर समर्थकों के बीच मतभेद अधिक
शोध में पाया कि जो 20% लोग बहुत ज्यादा राजनीति पर चर्चा करते हैं, उनके बीच सोशल मीडिया पर ध्रुवीकरण बहुत गहरा है। अलग-अलग दल के कट्टर समर्थकों के बीच सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा मतभेद दिखता है। इतना ही नहीं, एक ही दल के कट्टर समर्थक और नरम समर्थकों की नजर में प्राथमिकता के मुद्दे अलग-अलग हैं, जिन्हें वे सोशल मीडिया पर लिखते हैं।

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भारत में हैशटैग की राजनीति
अमेरिकी के नॉर्थ फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के अध्ययन के अनुसार अमेरिका, भारत, ब्रिटेन जैसे देशों में खास तरह के हैशटैग चलाकर राजनीतिक एजेंडा तय करने की कोशिश होती है। टि्वटर पर नेता और समाचार पेशेवर सबसे ज्यादा सक्रिय हैं, ऐसे में राजनीतिक दलों से जुड़े लोग किस तरह कुछ खास हैशटैग चलाकर किसी विषय को ट्रेंड कराने की संगठित कोशिश करते हैं और इस तरह वे समाचार कवरेज को प्रभावित करते हैं।

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