कोरोना संकट में RBI ने खोले राहत के दरवाजे तो पीएम मोदी बोले- यह बड़ा कदम, सबको मिलेगी मदद
कोरोना संकट के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा की गई घोषणाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया आई है। कोरोना संकट में आरबीआई के राहत ऐलान के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि...
कोरोना संकट के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा की गई घोषणाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया आई है। कोरोना संकट में आरबीआई के राहत ऐलान के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस के असर से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है और इससे मिडिल क्लास को फायदा होगा। बता दें कि रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर में कटौती की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने कर्जधारकोँ के लिए भी राहत का भी ऐलान किया है।
कोरोना वायारस से उपजे हालात के बीच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'कोरोना वायरस से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव से बचाने के लिए आज आरबीआई ने बड़े कदम उठाए हैं। घोषणाओं से तरलता में सुधार होगा, मध्यम वर्ग और व्यवसायों को मदद मिलेगी।'
Today @RBI has taken giant steps to safeguard our economy from the impact of the Coronavirus. The announcements will improve liquidity, reduce cost of funds, help middle class and businesses. https://t.co/pgYOUBQtNl
— Narendra Modi (@narendramodi) March 27, 2020
रिजर्व बैंक ने प्रस्तावित मौद्रिक नीतिगत घोषणा से पहले शुक्रवार को नीतिगत दरों तथा अन्य उपायों की अप्रत्याशित घोषणा की। हालांकि, रिजर्व बैंक कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थिति में जोखिम को देखते हुए आर्थिक वृद्धि दर तथा मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान से दूर रहा। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति के निर्णयों की घोषणा करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से फैली महामारी के कारण अनिश्चितता की स्थिति है, इसलिए आर्थिक वृद्धि दर तथा मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान से बचा गया है। उन्होंने कहा कि इनका अनुमान इस बात पर निर्भर करेगा कि आने वाले समय में कोरोना वारस का संक्रमण किस तरीके से और कब तक फैलता है तथा इसका कितना असर होता है। आर्थिक वृद्धि दर तथा खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रमुख वृहद आर्थिक मानक हैं। इनसे अर्थव्यवस्था की दशा और दिशा के संकेत मिलते हैं।
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शशिकांत दास ने कहा कि आर्थिक वृद्धि दर के 2019-20 की चौथी तिमाही में 4.7 प्रतिशत और पूरे वित्त वर्ष में पांच प्रतिशत रहने के अनुमान फिलहाल जोखिम से घिर गये हैं। उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में कहा कि दुनिया भर में हर कहीं आर्थिक नरमी और सघन हो गई है। दास ने भारत के बारे में कहा, 'वृद्धि दर और मुद्रास्फीति की गति कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रकोप, अवधि तथा इसके असर पर निर्भर करेगी।'
बता दें कि रिजर्व बैंक तीन अप्रैल को मौद्रिक नीतिगत घोषणा करने वाला था। रिजर्व बैंक सामान्य तौर पर मौद्रिक नीति से जुड़ी हर घोषणा में वृद्धि दर और मुद्रास्फीति का अनुमान व्यक्त करता रहा है।
तो चलिए जानते हैं आरबीआई के ऐलान की खास बातें:
-रिजर्व बैंक ने रेपो दर 0.75 प्रतिशत की कटौती की। कटौती के बाद रेपो दर 4.4 फीसदी पर आ गई है। इससे आने वाले दिनों में ग्राहकों को कर्ज सस्ता मिल सकता है।
-आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिवर्स रेपो दर में 0.90 प्रतिशत की कमी की गई है।
-नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 1 प्रतिशत की कटौती की गई। सीआरआर 3 प्रतिशत पर आ गया है।
-गवर्नर ने कहा, रेपो दर में कमी से कोरोना वायरस महामारी के आर्थिक प्रभाव से निपटने में मदद मिलेगी।
-आरबीआई ने कहा है कि सीआरआर में कटौती, रेपो दर आधारित नीलामी समेत अन्य कदम से बैंकों के पास कर्ज देने के लिए अतिरिक्त 3.74 लाख करोड़ रुपये के बराबर अतिरिक्त नकद धन उपलब्ध होगा।
-आरबीआई ने कर्ज देने वाले सभी वित्तीय संस्थानों को सावधिक कर्ज की किस्तों की वसूली पर तीन महीने तक रोक की छूट दी।
- आरबीआई ने कहा कि कार्यशील पूंजी पर ब्याज भुगतान को टाले जाने को चूक नहीं माना जाएगा, इससे कर्जदार की रेटिंग (क्रेडिट हिस्ट्री) पर असर नहीं पड़ेगा।
-आरबीआई गवर्नर ने कहा कि देश की वृहत आर्थिक बुनियाद 2008 में वित्तीय बाजार संकट के मुकाबले मजबूत।
-मौद्रिक नीति समिति ने अनिशचित आर्थिक माहौल को देखते हुए अगले साल के लिए आर्थिक वृद्धि, मुद्रास्फीति के बारे में अनुमान नहीं जताया।
-शक्तिकांत दास ने कहा, देश में बैंक व्यवस्था मजबूत, निजी बैंकों में जमा बिल्कुल सुरक्षित, लोगों को घबराकर पैसा निकालना नहीं चाहिए।