पहले राउंड के कोविड-19 रिलीफ पैकेज के ऐलान पर बोले पीएम मोदी, लंबा रास्ता तय करना है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज से अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने बुधवार (13 मई) को कहा कि इसके साथ ही इस पैकेज से कंपनियों विशेषरूप से सूक्ष्म,...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज से अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने बुधवार (13 मई) को कहा कि इसके साथ ही इस पैकेज से कंपनियों विशेषरूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को मदद मिलेगी। मोदी ने ट्वीट किया, ''सरकार द्वारा घोषित कदमों से नकदी बढ़ेगी, उद्यमियों को सशक्त किया जा सकेगा और उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाई जा सकेगी।"
मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ''वित्त मंत्री सीतारमण ने आज जो घोषणा की है उससे कंपनियों विशेषरूप से एमएसएमई क्षेत्र के समक्ष आ रही दिक्कतों को दूर करने में मदद मिलेगी। इससे एक दिन पहले प्रधानमंत्री मंगलवार (12 मई) को कहा था कि कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सरकार एक बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा करेगी।
कोविड-19 संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई सहित कंपनियों को तीन लाख करोड़ रुपए की ऋण सहायता देने की घोषणा की है। 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ब्योरा देते हुए सीतारमण ने कहा कि इससे 45 लाख छोटी इकाइयों को लाभ होगा।
Today’s announcements by FM @nsitharaman will go a long way in addressing issues faced by businesses, especially MSMEs. The steps announced will boost liquidity, empower the entrepreneurs and strengthen their competitive spirit. #AatmaNirbharBharatAbhiyan
— Narendra Modi (@narendramodi) May 13, 2020
वित्त मंत्री ने कहा कि यह कर्ज चार साल के लिए दिया जाएगा और 12 महीने तक किस्त से राहत दी जाएगी। इसके अलावा इस समय कर्ज नहीं चुका पा रही एमएसएमई इकाइयों के लिए भी कुल 20,000 करोड़ रुपए के कर्ज की सुविधा दी जाएगी। इससे 2 लाख इकाइयों को लाभ होगा सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई्र के लिए 'फंड ऑफ फंड' गठित किया जा रहा है, इसके जरिए वृद्धि की क्षमता रखने वाले एमएसएमई में 50,000 करोड़ रुपए की इक्विटी पूंजी डाली जाएगी।
एमएसएमई की परिभाषा बदली
एमएसएमई की नई परिभाषा में माइक्रो उद्यम में एक करोड़ रुपए तक का निवेश किया जा सकेगा और इसके कारोबार की सीमा पांच करोड़ रुपए होगी। इसी तरह से लघु उद्यम में 10 करोड़ रुपए का निवेश किया जा सकेगा और इसका कुल वार्षिक कारोबार 50 करोड़ रुपए का होगा। मध्यम उद्यम में 20 करोड़ रुपए तक निवेश होगा और इसका कुल कारोबार 100 करोड़ रुपए तक का होगा।
