ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशअमेरिका से आते समय इस देश भी जाएंगे पीएम मोदी, लंबे समय से हो रहा है इंतजार

अमेरिका से आते समय इस देश भी जाएंगे पीएम मोदी, लंबे समय से हो रहा है इंतजार

अब्देल फतह अल-सिसी मिस्र के पहले नेता थे जिन्हें भारत ने गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया था। हालांकि दोनों देशों के बीच पिछले दशकों में घनिष्ठ संबंध रहे हैं।

अमेरिका से आते समय इस देश भी जाएंगे पीएम मोदी, लंबे समय से हो रहा है इंतजार
Amit Kumarलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीWed, 07 Jun 2023 08:07 PM
ऐप पर पढ़ें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने अमेरिकी की यात्रा पर जाने वाले हैं। वहां से आते वक्त उनके एक और देश जाने की संभावना है। प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की यात्रा से वापस लौटते समय मिस्र की यात्रा कर सकते हैं। इस मामले से जुड़े लोगों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पीएम के मिस्र दौरे का उद्देश्य सुरक्षा से लेकर नवीकरणीय ऊर्जा तक के क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाना है।

मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी इसी साल 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे। उनके भारत दौरे के दौरान कई अहम क्षेत्रों में भागीदारी को लेकर समझौते हुए थे। अब पीएम मोदी मिस्र का दौरा कर सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष यात्रा की तारीखें और एजेंडा को लेकर बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के 24 जून को अमेरिका की अपनी राजकीय यात्रा के समापन के तुरंत बाद मिस्र की यात्रा करने की उम्मीद है।

अब्देल फतह अल-सिसी मिस्र के पहले नेता थे जिन्हें भारत ने गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया था। हालांकि दोनों देशों के बीच पिछले दशकों में घनिष्ठ संबंध रहे हैं। खासकर 1961 में गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के संस्थापक सदस्यों के रूप में दोनों देशों ने खासा सहयोग बढ़ाया है।

मिस्र में भारतीय पक्ष की ओर से एक उच्च-स्तरीय यात्रा का लंबे समय से इंतजार हो रहा है। जबकि मिस्र के राष्ट्रपति ने 2015 से तीन बार भारत की यात्रा की है। वे अक्टूबर 2015 में, तीसरे भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आए थे। इसके बाद, सितंबर 2016 में अपनी पहली राजकीय यात्रा के लिए, और फिर इस साल जनवरी में भारत आए थे। वहीं भारतीय प्रधानमंत्री 2020 में मिस्र जाने वाले थे लेकिन कोरोना महामारी के चलते उनकी यात्रा रुक गई। 2014 में पदभार ग्रहण करने के बाद पीएम मोदी की पहली मिस्र यात्रा होगी। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और मिस्र रक्षा सहयोग और शिक्षा पर विशेष ध्यान देने के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं।

सूत्रों ने बताया कि इस यात्रा से व्यापार, निवेश, कृषि और रक्षा समेत कई क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग मजबूत होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी की मिस्र की यात्रा को लेकर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। भारत अरब जगत और अफ्रीका में राजनीतिक रूप से अहम भूमिका निभाने वाले मिस्र के साथ संबंधों को विस्तार देने का इच्छुक है। इस देश को अफ्रीका और यूरोप के बाजार के एक बड़े प्रवेश द्वार के तौर पर भी देखा जाता है।

सूत्रों ने बताया कि मोदी की मिस्र की यात्रा अमेरिका की उनकी यात्रा के साथ ही होगी। मिस्र पारंपरिक रूप से अफ्रीकी महाद्वीप में भारत के सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदारों में से एक रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मिस्र में 450 से अधिक भारतीय कंपनी पंजीकृत हैं, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय लगभग 50 कंपनी ऐसी हैं, जिनका संयुक्त निवेश तीन अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें