पीएम मोदी बोले- 'साफ बता दूं, बर्दाश्त नहीं किया जाएगा कोरोना वॉरियर्स के साथ बुरा व्यवहार'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कर्नाटक के बेंगलुरु में राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस के सिल्वर जुबली कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कोरोना...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कर्नाटक के बेंगलुरु में राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस के सिल्वर जुबली कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कोरोना संकट पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद आज सबसे बड़ा संकट आया है, जैसे विश्व युद्ध के बाद दुनिया बदल गई। वैसे ही कोरोना के बाद दुनिया पूरी तरह से बदल जाएगी।
पीएम ने कहा कि आयुष्मान भारत- विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना है। 2 वर्षों से भी कम समय में, इस योजना से 1 करोड़ लोग लाभान्वित हुए हैं। महिलाओं और गांवों में रहने वाले इस योजना के प्रमुख लाभार्थियों में शामिल हैं। पीएम ने कहा कि देश में 22 और AIIMS खुल गए हैं। पिछले पांच साल में देश में एमबीबीएस की 30 हजार सीटें बढ़ गई हैं और पोस्ट ग्रैजुएशन की सीटों में 15 हजार की बढ़ोतरी हुई हैं। उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट कह देना चाहता हूं कि फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ बुरा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
I want to state it clearly- violence, abuse and rude behaviour against front-line workers is not acceptable: PM Narendra Modi pic.twitter.com/wVVBBvCo1X
— ANI (@ANI) June 1, 2020
मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस भले ही इनविजिबल है, लेकिन कोरोना वॉरियर्स विंसिबल हैं। डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी बिना वर्दी वाले सैनिक हैं। लिहाजा हमें मानवता से जुड़े विकास की ओर देखना होगा। मेक इन इंडिया के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में पीपीई किट, N-95 मास्क बन चुके हैं और सब मेड इन इंडिया हैं। देश में आरोग्य सेतु ऐप बनाई गई है और अब तक 12 करोड़ लोग इसे डाउनलोड कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि पहले वैश्विकरण को लेकर आर्थिक मसले पर चर्चा होती थी, लेकिन अब मानवता के आधार पर चर्चा करना जरूरी होगा। स्वास्थ्य के मामले में भारत ने पिछले 6 साल में बड़े फैसले लिए हैं, हम चार पिलर पर काम कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि मिशन इंद्रधनुष, आयुष्मान भारत समेत कई अहम योजनाओं ने देश के स्वास्थ्य सिस्टम में एक नई जान फूंकी है।