वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आज की घोषणाओं पर PM नरेंद्र मोदी बोले- किसानों और मजदूरों को मिलेगा फायदा
कोरोना महामारी से उपजे आर्थिक संकट से देश को बाहर निकालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लगातार दूसरे दिन...

कोरोना महामारी से उपजे आर्थिक संकट से देश को बाहर निकालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लगातार दूसरे दिन इसके तहत कई घोषणाएं की हैं। वित्त मंत्री की घोषणाओं का प्रधानमंत्री ने सराहना की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आज की घोषणाओं से किसानों और प्रवासी मजदूरों को खासकर फायदा मिलेगा। घोषणाओं में प्रगतिशील उपायों की एक श्रृंखला शामिल हैं। खाद्य सुरक्षा और किसानों के साथ-साथ स्ट्रीट वेंडर को भी बढ़ावा मिलेगा।'
Today’s announcements by FM @nsitharaman will especially benefit our farmers and migrant workers. The announcements include a series of progressive measures and will boost food security, credit to farmers as well as street vendors. #AatmaNirbharBharatPackage
— Narendra Modi (@narendramodi) May 14, 2020
आपको बता दें कि 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की दूसरी किस्त का ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को किया। उन्होंने प्रवासी मजदूरों, फेरीवालों, छोटे कारोबारियों और किसानों और मिडिल क्लास के लिए घोषणाएं की हैं। किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए सस्ता कर्ज दिया जाएगा तो प्रवासी मजदूरों को 2 महीने तक मुफ्त राशन देने का फैसला किया गया है। मिडिल क्लास के लिए हाउसिंग लोन सब्सिडी योजना को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है। शहरी गरीबों और प्रवासी मजदूरों के लिए सस्ते किराये के घर उपलब्ध कराने की भी घोषणा की गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आज की अहम घोषणाएं:
किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 2 लाख करोड़ रुपए की मदद: 2.5 करोड़ किसानों को रियायती दर पर 2 लाख करोड़ रुपए का ऋण दिया जाएगा। इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। मछुआरों और पशुपालकों को भी इसका लाभ मिलेगा।
नाबार्ड के जरिए किसानों को 30 हजार करोड़ रुपए की मदद: कृषि सीजन में किसानों ने बहुत मेहनत की है और उत्पादन किया है। छोटे और सीमांत किसानों को लाभ देने के लिए 30 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त सुविधा दी जाएगी। यह नाबार्ड के 90 हजार करोड़ रुपए के अलावा है। यह पैसा कोऑपरेटिव बैक्स के जरिए सरकारों को दिया जाएगा। इसका फायदा 3 करोड़ किसानों को मिलेगा।
हाउसिंग लोन पर सब्सिडी योजना एक साल के बढ़ी: हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए 6-18 लाख रुपए की वार्षिक आमदनी वाले मिडिल क्लास के लिए 2017 में लाए गए हाउसिंग लोन सब्सिडी योजना को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है। इसके लिए 70 हजार करोड़ रुपए का पैकेज दिया गया है। एक साल में 2.5 लाख लोग इसका फायदा लेंगे। इससे हाउजिंग सेक्टर को फायदा होगा और नई नौकरियां भी पैदा होंगी।
रेहड़ी पटरी वालों को 10 हजार तक लोन: इसके तहत 50 लाख फेरीवालों को 5 हजार करोड़ रुपए की ऋण सहायता दी जाएगी। ये आसानी से 10 हजार रुपए तक का ऋण ले सकते हैं। ताकी लॉकडाउन खत्म होने के बाद वे अपना काम दोबारा शुरू कर सकें। मोबाइल से पेमेंट करने वाले ऐसे फेरीवालों को प्रोत्साहन दिया जाएगा और आने वाले समय में उन्हें अतिरिक्त लोन मिल सकेगा।
शहरी गरीबों को सस्ते किराये पर घर: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों के लिए रेंटल हाउसिंग स्कीम लाएगी। पीपीपी मॉडल पर किराये पर रहने के लिए घर बनाएं जाएंगे, जिनमें वे कम किराए में रह सकते हैं। ताकि वे कम किराया खर्च करके शहर में रह सकें। जो उद्योगपति अपनी जमीन पर ऐसे घर बनाएंगे उन्हें प्रोत्साहन दिया जाएगा। राज्य सरकारों के साथ मिलकर भी इस काम को किया जाएगा।
मजदूरों को मुफ्त राशन: अगले दो महीने तक सभी प्रवासी मजदूरों को बिना कार्ड के ही 5 किलो प्रति व्यक्ति गेहूं या चावल और एक किलो चना प्रति परिवार देगी। इससे करीब 8 करोड़ प्रवासियों को फायदा होगा। इस पर करीब 3500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी।
वन नेशन वन राशन कार्ड: वन नेशन वन राशन कार्ड को अगस्त 2020 तक लागू किया जाएगा। इससे 23 राज्यों को 67 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा। पीडीएस योजना के 83 फीसदी लाभार्थी इससे जुड़ जाएंगे। मार्च 2021 तक इसमें 100 फीसदी लाभार्थी जुड़ जाएंगे। देश के किसी भी कोने में लोग अपने राशन कार्ड से उचित मूल्य दुकान से राशन ले सकते हैं।
लेबर कोड से सभी को न्यूनतम वेतन दिलाएगी सरकार: अभी केवल 30 पर्सेंट कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन मिल पाता है। सरकार लेबर कोड पर काम कर रही है इसके तहत सभी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन तय किया जाएगा। सभी राज्यों में न्यूनतम वेतन में अंतर को खत्म किया जाएगा। 10 से अधिक कर्मचारियों वाले सभी संस्थानों के लिए देश के सभी जिलों में ईएसआईसी सुविधा को लागू किया जाएगा। 10 से कम कर्मचारी वाले संस्थान भी स्वेच्छा से ईएसआईसी से जुड़ सकते हैं। सभी कर्मचारियों का साल में एक बार स्वास्थ्य परीक्षण कराना अनिवार्य होगा। स्थायी कर्मचारियों को एक साल में ही मिलेगा ग्रैच्युटी का लाभ, अभी 5 साल की सेवा के बाद मिलता है।
