महागठबंधन पर PM मोदी का तंज, कहा- अधिकतर नेता अपने बेटा-बेटी को सेट करने के चक्कर में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमो एप के जरिए रविवार को महाराष्ट्र और गोवा के कार्यकर्ताओं से बातचीत की है। उन्होंने कहा कि सभी जगह एक बात सामान्य देखी थी वो है, बीजेपी के कार्यकर्ताओं का जज़्बा,...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमो एप के जरिए रविवार को महाराष्ट्र और गोवा के कार्यकर्ताओं से बातचीत की है। उन्होंने कहा कि सभी जगह एक बात सामान्य देखी थी वो है, बीजेपी के कार्यकर्ताओं का जज़्बा, ईमानदारी, मेहनत और मज़बूती के साथ खड़े रहने की ताक़त। चुनौती को ही चुनौती देने का मिजाज है। उन्होंने कहा कि ये कार्यकर्ताओं की मेहनत का ही परिणाम है जिससे बीजेपी बहुत कम समय में 2 संसद सदस्यों की संख्या से 282 सदस्यों तक पहुंची।
कोल्हापुर से एक बीजेपी कार्यकर्ता ने पीएम मोदी से पूछा कि महागठबंधन से सामना कैसे करें? तो पीएम मोदी ने कहा कि हमने भी गठबंधन किया है, उन्होंने महागठबंधन में एक-दूसरे से तो हमने सवा सौ करोड़ देशवासियों से गठबंधन किया है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा गठबंधन देश के सवा सौ दिलों के साथ है, उनके सपने, उनकी आशा-अकांक्षाओं के साथ है। उन्होंने कहा कि कलकत्ता के मंच पर अधिकतर नेता ऐसे थे जो अपने बेटा-बेटी को सेट करने के चक्कर में हैं।
MP: मॉर्निंग वॉक पर निकले BJP नेता की हत्या, शिवराज ने कही ये बात
पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि एक तरफ पैसों का अंबार है तो हमारे पास कर्मठ कार्यकर्ताओं का सैलाब है। उन्होंने कहा कि जिस राज्य के पंचायत चुनावों में खड़े हो जाए तो मारकाट शुरू हो जाती है वो लोग लोकतंत्र की बात करते हैं। जिनकी पार्टी में लोकतंत्र नहीं है वह लोग लोकतंत्र के नाम पर बचकाना हरकतें कर रहे हैं। वो लोग हार के कारण बता रहे हैं और ईवीएम को दोषी देना शुरू कर दिया है।
पीएम मोदी के भाषण की जरूरी बातें:-
- पीएम मोदी ने कहा, तब ये हेडलाइंस थी कि भारत में शौचालय भी नहीं है, जिससे महिलाओं को शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। हमने मात्र साढ़े 4 साल में 9 करोड़ से अधिक शौचालय बनवाए हैं।
- पहले देश-विदेश की हेडलाइन्स में तब सरकार के स्कैम हुआ करते थे। आज देश-दुनिया की हेडलाइन्स में भारत की स्कीम होती हैं।
- पहले विश्व में चर्चा होती थी कि भारत दुनिया की पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। अब भारत दुनिया की सबसे तेज़ गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है।
-अब गन्ना किसानों की बकाया रकम सीधे उनके खाते में ही आएगी। सरप्लस चीनी के निर्यात को आसान बनाने के अलावा सरकार ने चीनी मिलों को एथनॉल का उत्पादन करने की भी अनुमति दे दी है, ताकि वो किसानों को वक्त पर उनकी बकाया रकम दे सके।
- अतिरिक्त चीनी को विदेशों में निर्यात करने के लिए भी केंद्र सरकार ने कदम उठाए हैं। निर्यात के लिए चीनी मिलों को अतिरिक्त वित्तीय मदद दी गई है। लेकिन ये रकम चीनी मिलों को तभी मिलेगी, जब वो गन्ना किसानों की बकाया रकम का पूरा भुगतान कर देंगे।
- महाराष्ट्र और यूपी के हमारे गन्ना किसान चीनी के दाम लगातार गिरने के कारण संकट में थे। उन्हें अपनी लागत का उचित मूल्य भी नहीं मिलता था। लेकिन मिनिमम सेलिंग प्राइज (MSP) के कारण केंद्र सरकार ने पहली बार किसानों को गन्ने की फसल के उचित दाम दिलाए।