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मंदी पर पहली बार बोले PM मोदी, कहा-भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक वृद्धि की गति बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों के संकट को दूर करने के लिए कई घोषणाओं की। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में...

 मंदी पर पहली बार बोले PM मोदी, कहा-भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत
नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 24 Aug 2019 12:14 PM
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक वृद्धि की गति बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों के संकट को दूर करने के लिए कई घोषणाओं की। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में खलीज टाइम्स को दिए इंटरव्यू में मंदी के सवाल पर जवाब दिया। इंटरव्यू में जब पीएम मोदी से पूछा गया कि अगले साल तक अमेरिका में मंदी आने की आशंका है, जिसका असर पड़ सकता है। क्या आपको लगता है कि भारत-यूएई आर्थिक साझेदारी बुरे समय में मदद कर सकते है यदि ऐसा होता है? इस संबंध में आप क्या कदम उठाना चाहते हैं?

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इस पर पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है। हमने अगले पांच वर्षों में 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने पर अपनी निगाहें निर्धारित की हैं। यूएई अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता ला रहा है, अपनी ताकत के पारंपरिक क्षेत्रों से परे जा रहा है। साथ में हमारे पास समृद्धि प्राप्त करने के लिए दृष्टि और रोडमैप के साथ-साथ आकार, गति और संसाधन हैं। यह दोनों के लिए एक जीत है और दुनिया के लिए भी। हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ती तालमेल और संयुक्त अरब अमीरात में लाखों भारतीयों की उपस्थिति का उपयोग करते हुए एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक वृद्धि की गति बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों के संकट को दूर करने के लिए शुक्रवार को की गई घोषणाओं की जिसकी मुख्य बातें: 

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- एफपीआई/ घरेलू निवेशकों की शेयरों की खरीद-फरोख्त से होने वाली आय पर ऊंचे कर-अधिभार को समाप्त किया।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुरू में ही 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डाली जायेगी। इससे बैंक बाजार में पांच लाख करोड़ रुपये तक की नकदी जारी करने में सक्षम होंगे।
- बैंक रेपो दर में कटौती का फायदा सभी कर्जदार ग्राहकों तक पहुंचाएंगे।
- बैंक घर, वाहन और अन्य खुदरा कर्ज सस्ता करेंगे।
- कर्ज वितरण में तेजी लाने के लिये बैंकों में ईमानदार निर्णय को सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
- आवास वित्त कंपनियों को अतिरिक्त नकदी सहायता बढ़ाकर 30,000 करोड़ रुपये की गई।
- छोटे एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लंबित जीएसटी रिफंड का 30 दिन में भुगतान।
- एकल परिभाषा के लिये एमएसएमई अधिनियम में संशोधन पर विचार। 
- करदाताओं का उत्पीड़न समाप्त करने की दिशा में अब सभी कर नोटिस केंद्रीयकृत प्रणाली से जारी होंगे।
- उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग में पंजीकृत स्टार्टअप को आयकर से सशर्त छूट।
- केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) सदस्य के तहत स्टार्टअप की समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रतिबद्ध प्रकोष्ठ बनाया जाएगा।
- 31 मार्च 2020 तक खरीदे गए भारत स्टेज-चार उत्सर्जन मानक के वाहन पंजीकरण की पूरी अवधि तक परिचालन में बने रहेंगे।
- 31 मार्च 2020 तक खरीदे गए वाहनों पर 15 प्रतिशत के अतिरिक्त मूल्यह्रास की अनुमति।
- सरकार/ केंद्रीय लोक उपक्रमों द्वारा देरी से किये जाने वाले भुगतान की निगरानी करेगा व्यय विभाग।
- कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) नियमों के उल्लंघन को दिवानी मामले की तरह देखा जाएगा, इसे आपराधिक मामलों की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा।
- अवसंरचना, आवासीय परियोजनाओं के लिए ऋण उपलब्धता बढ़ाने के लिए अलग निकाय गठित होगा।
- ठंडे बस्ते में पड़ी बुनियादी परियोजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए कार्यबल गठित किया जाएगा।
- सरकार रिजर्व बैंक और बाजार नियामक सेबी के साथ बातचीत के बाद फंसे कर्ज की अदला-बदली का बाजार विकसित करने को कदम बढ़ायेगी।
- विदेशी निवेशकों के लिए केवाईसी नियमों को सरल बनाया जाएगा ताकि उनकी बाजार तक पहुंच बेहतर हो सके।
- अन्य क्षेत्रों के लिए आने वाले हफ्तों में और कदम उठाने की घोषणा।
- रीयल एस्टेट क्षेत्र से जुड़े कदमों की घोषणा अगले हफ्ते की जाएगी।
 

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