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पंडित नेहरू पर संसद में PM नरेंद्र मोदी ने क्या बोला, जिसकी खूब हो रही है चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद के विशेष सत्र को संबोधित किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने पुराने संसद भवन में बीते 75 साल के ऐतिहासिक लम्हों का जिक्र किया। साथ ही पंडित नेहरू पर बोला।

पंडित नेहरू पर संसद में PM नरेंद्र मोदी ने क्या बोला, जिसकी खूब हो रही है चर्चा
Deepakलाइव हिंदुस्तान,नई दिल्लीMon, 18 Sep 2023 03:05 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद के विशेष सत्र को संबोधित किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने पुराने संसद भवन में बीते 75 साल के ऐतिहासिक लम्हों का जिक्र किया। उन्होंने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के उस भाषण का जिक्र किया, जो उन्होंने आजादी के बाद दिया था। पीएम मोदी ने कहा कि इसी संसद भवन में जवाहरलाल नेहरू ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से भारत की आजादी को चिह्नित करते हुए अपना मशहूर ‘स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट’ भाषण दिया था। पीएम मोदी ने पुराने संसद भवन को छोड़ने को एक भावुक करने वाला पल बताया। बता दें कि मंगलवार से संसद की कार्रवाई नए बने सदन में होगी। 

ताजा की पुरानी यादें
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान पुराने संसद भवन के निर्माण से जुड़ी बातों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि भले ही इस परिसर का निर्माण विदेशी शासकों ने कराया था। लेकिन इसको बनाने में लगने वाली कड़ी मेहनत और पैसा हमारे ही देश के लोगों का था। इस मौके पर पीएम मोदी ने चंद्रयान 3 की सफल लांचिंग और जी20 सम्मेलन के सफल आयोजन की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि जी20 का सफल आयोजन किसी व्यक्ति या पार्टी की नहीं, बल्कि देश के 140 करोड़ लोगों की सफलता है। उन्होंने कहा कि यह भारत की ताकत थी, जिसने जी20 घोषणापत्र में आम सहमति बनाई थी, जिसमें चल रहे रूस-यूक्रेन संकट पर पैराग्राफ शामिल थे।

शास्त्री, अटल और मनमोहन का जिक्र
प्रधानमंत्री ने कहा कि पंडित नेहरू, शास्त्री जी, अटल जी, मनमोहन सिंह जी तक देश का नेतृत्व करने वालों की बड़ी संख्या रही है। उन्होंने सदन के माध्यम से देश को दिशा दी है। देश को नये रंग रूप में ढालने का काम किया है। आज उनके गौरवगान का अवसर है। मोदी ने कहा कि राम मनोहर लोहिया, चंद्रशेखर, लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं ने सदन की चर्चाओं को समृद्ध किया। उन्होंने कहा कि देश को तीन प्रधानमंत्रियों- पंडित नेहरू, लालबहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी को उनके कार्यकाल के दौरान खोना पड़ा और सदन में उमंग तथा उत्साह के पलों के बीच आंसू भी बहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने इसी सदन में कहा था कि, ‘सरकारें आएंगी-जाएंगी, पार्टियां बनेंगी-बिगड़ेंगी लेकिन यह देश रहना चाहिए।'’ उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू के प्रारंभिक मंत्रिपरिषद में मंत्री के रूप में डॉ भीमराम आंबेडकर दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाएं भारत में लाने में जोर देते थे और इसका परिणाम देश को आज भी लाभ के रूप में मिल रहा है। मोदी ने कहा कि वाजपेयी ने परमाणु परीक्षण करके दुनिया को देश की ताकत भी दिखाई। उन्होंने कहा कि लेकिन इसी सदन में मनमोहन सिंह की सरकार के समय देश ने 'नोट के बदले वोट' कांड को भी देखा।

महिला सदस्यों पर रखी बात
मोदी ने कहा कि इस सदन में समाज के हर वर्ग का प्रतिनिधित्व नजर आता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक, आर्थिक पृष्ठभूमियों, गांवों-शहरों समेत पूर्ण रूप से समावेशी वातावरण यहां देखने को मिलता है।  उन्होंने कहा कि संसदीय इतिहास के प्रारंभ से अब तक दोनों सदनों में कुल मिलाकर लगभग 7500 सदस्यों ने प्रतिनिधित्व किया है जिनमें करीब 600 महिला सदस्य रही हैं।     उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे महिला सदस्यों की संख्या बढ़ती गयी है। गौरतलब है विशेष संसद सत्र के दौरान विभिन्न पार्टियों ने महिलाओं के आरक्षण विधेयक के लिए आवाज उठाई है। मोदी ने कहा कि इसी सदन की शक्ति है कि इंद्रजीत गुप्ता जैसे सांसद 43 साल तक सदन में रहे तो आज शफीकुर रहमान बर्क 93 वर्ष की आयु में भी सदन में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि 25 साल की चंद्रमणि मुर्मू सदन की सदस्य बनीं।

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