राफेल विवाद पर PM मोदी ने तोड़ी चुप्पी, कहा- सच को किसी शृंगार की जरूरत नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रविवार को सार्वजनिक मंच पर चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, सच को शृंगार की जरूरत नहीं होती...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रविवार को सार्वजनिक मंच पर चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, सच को शृंगार की जरूरत नहीं होती और झूठ चाहे जितना भी बोला जाए, उसमें जान नहीं होती।
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के गढ़ रायबरेली में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर हमले के लिए रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों का हवाला दिया। उन्होंने कहा, कुछ लोग झूठ ही स्वीकारते हैं, झूठ ही खाते हैं और झूठ ही चबाते हैं। मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने देश की सुरक्षा को ताक पर रखकर सेना को झूठा बताया। अब उसे देश की सर्वोच्च अदालत भी झूठी लगने लगी है। वे न्यायपालिका को भी अविश्वास के कठघरे में खड़ा करते हैं।
स्टालिन ने राहुल को PM पद का दावेदार बताया, बोले-सभी को साथ देना चाहिए
प्रधानमंत्री अपने 51 मिनट के भाषण में कांग्रेस की पिछली सरकारों पर ही निशाना साधते रहे। उन्होंने कहा, रक्षा सौदों में पिछली सरकारों ने घोटाला किया। इन सौदों में हमारी ईमानदारी और पारदर्शिता से कांग्रेस बौखला गई है। वह नहीं चाहती कि देश की सेना मजबूत हो।
लोगों से झूठा वादा किया
प्रधानमंत्री ने पांच राज्यों के चुनाव में किसानों का कर्जमाफ करने के वादे को कोरा झूठ बताया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के चुनाव में भी कर्जमाफी का वादा किया था। वहां सरकार बनने के छह महीने बाद भी कर्ज माफ नहीं हुआ।
रायबरेली को तोहफा
प्रधानमंत्री ने रायबरेली में मॉडर्न रेल कोच फैक्टरी के 900 वें कोच व हमसफर रैक को झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही एक हजार करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। प्रधानमंत्री ने प्रयागराज जाकर गंगा आरती भी की।
देश के संस्थानों को नष्ट करने की अनुमति नहीं देंगे : राहुल
राफेल पर कोर्ट फैसला वापस ले: कांग्रेस
कांग्रेस ने रविवार को उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि वह राफेल करार से जुड़ा अपना फैसला वापस ले और अदालत की अवमानना एवं झूठी जानकारी देने के मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी करे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने आरोप लगाया कि यह दावा करके सरकार ने संसद के दोनों सदनों के विशेषाधिकार का हनन किया है कि राफेल विमानों की कीमतों को लेकर सीएजी रिपोर्ट संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष पेश की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को झूठी जानकारी दी।