ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशजिस लोंगेवाला बॉर्डर पर 1971 में जवानों ने दी थी पाक को मात, वहीं दिवाली मना रहे हैं पीएम मोदी, जानें क्या है 'बैटल ऑफ लोंगेवाला'

जिस लोंगेवाला बॉर्डर पर 1971 में जवानों ने दी थी पाक को मात, वहीं दिवाली मना रहे हैं पीएम मोदी, जानें क्या है 'बैटल ऑफ लोंगेवाला'

2014 से जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, तब से हर साल वह अपनी दिवाली भारतीय सेना के जवानों के साथ मनाते आ रहे हैं। हर साल की तरह इस साल भी पीएम मोदी दिवाली मनाने जवानों के बीच पहुंचे है। इस...

जिस लोंगेवाला बॉर्डर पर 1971 में जवानों ने दी थी पाक को मात, वहीं दिवाली मना रहे हैं पीएम मोदी, जानें क्या है 'बैटल ऑफ लोंगेवाला'
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSat, 14 Nov 2020 10:33 AM
ऐप पर पढ़ें

2014 से जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, तब से हर साल वह अपनी दिवाली भारतीय सेना के जवानों के साथ मनाते आ रहे हैं। हर साल की तरह इस साल भी पीएम मोदी दिवाली मनाने जवानों के बीच पहुंचे है। इस बार जिस जगह पीएम मोदी जवानों संग दिवाली मना रहे हैं, उसका काफी रणनीतिक महत्व है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जैसलमेर बॉर्डर के लोंगेवाला पोस्ट पर बीएसएफ जवानों के साथ दीपावली मना रहे हैं। जैसलमेर बॉर्डर पर स्थित यह वही लोंगेवाला पोस्ट है, जहां 1971 की लड़ाई सबसे पहले यहीं लड़ी गई थी और भारतीय सेना के वीर जवानों ने पाकिस्तान को धूल चटाई थी। 

दरअअसल,  लोंगेवाला पोस्ट पश्चिमी सीमा पर एक रणनीतिक पोस्ट है, जहां 1971 की लड़ाई की पहली बड़ी लड़ाई यहां लड़ी गई थी जिसे 'लोंगेवाला की लड़ाई' या 'लोंगेवाला का युद्ध' के रूप में जाना जाता है। इसी पोस्ट पर 1971 की जंग में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को मात दी थी। 1971 की जंग में महज 100 भारतीय जवानों की टुकड़ी ने न सिर्फ पाकिस्तान को 2000 सैनिकों से मुकाबला किया था, बल्कि उसके टैंकों को ध्वस्त कर हरा दिया था। इस लड़ाई को दुनिया के सबसे भयानक टैंक युद्धों में से एक माना जाता है।

लोंगेवाला का युद्ध  दिसंबर 1971 के भारत और पाकिस्तान के जंग के समय हुआ प्रमुख युद्ध था। यह पश्चिमी क्षेत्र में लड़ा गया पहला बड़ा युद्ध था जो आक्रमणकारी पाकिस्तानी बलों और भारतीय सेना के जवानों के बीच लोंगेवाला में हुआ था। दरअसल, टैकों से लैस पाकिस्तानी सेना जैसलमेर वाले इलाके में अपना बेस बनाकर कब्जा करना चाहती थी, मगर भारतीय सेना ने उनके मंसूबों को पूरी तरह से नाकाम कर दिया था। 

उस दौरान लोंगेवाला पोस्ट पर पर मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी कमांडर थे। चांदपुरी को अधिक से अधिक समय तक पाकिस्तानी सेना को रोकने के लिए कहा गया था, मगर समस्या थी कि पाकिस्तान की फौज हजारों में थी, मगर कुलदीप सिंह के साथ महज सौ भारतीय सेना। फिर भी लोंगेवाला पोस्ट पर तैनात भारतीय जवानों ने हिम्मत नहीं हारी और लोंगेवाला में ब्रिगेडियर चांदपुरी ने करीब 100 जवानों की मदद से पाकिस्‍तान के 2000 सैनिकों और दुश्मन के 40 टैंकों को रोके रखा था। फिर चुन-चुन कर टैकों को तबाह किया और रेगिस्तान की इस लड़ाई में भारतीयय सेना ने पाकिस्तान को हरा दिया था। 

बता दें कि जेपी दत्ता की फिल्म बॉर्डर लोंगेवाला की लड़ाई पर ही आधारित थी। इसमें सनी देओल ने ब्रिगेडियर चांदपुरी का रोल निभाया था। तब वे मेजर थे। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान लोंगेवाला पोस्ट पर हुई जंग के असली हीरो मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी ही थे, जो बाद में ब्रिगेडियर भी बने। राजस्थान के लोंगेवाला में भारत-पाक बॉर्डर पर बहादुरी के लिए चांदपुरी को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था।  

पीएम मोदी के साथ कौन-कौन हैं गए हैं दिवाली मनाने
दिवाली के मौके पर पीएम मोदी के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और सेना प्रमुख एमएम नरवणे भी हैं। बीएसएफ के डीजी भी पीएम मोदी के साथ यहां पहुंचे हैं। बता दें कि पीएम मोदी हर साल दिवाली का त्योहार बॉर्डर पर तैनात जवानों के साथ मनाते आएं हैं। साल 2014 में कार्यभार संभालने के बाद से प्रधानमंत्री उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के अग्रिम इलाकों में सैनिकों के साथ समय गुजारते हुए दीपावली मनाते रहे हैं। 

पीएम मोदी के लोंगेवाला पोस्ट जाने के मायने
पीएम मोदी का लोंगेवाला पोस्ट पर जाना और वहां के जवानों के साथ दिवाली मनाना इसलिए भी खास है, क्योंकि बीते कुछ दिनों से सीमा पर पाकिस्तान की ओर से लगातार सीजफायर का उल्लंघन हो रहा है और घुसपैठ की भी कोशिश हो रही है। शुक्रवार को भी कश्मीर में सीमा पार से गोलीबारी हुई, जिसमें तीन-चार भारतीय जवान शहीद हो गए। इसके बाद भारत ने भी जवाही कार्रवाई की और पाकिस्तान के 11 सैनिकों को मार गिराया। 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें