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अनुच्छेद 370: श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने लिया था संकल्प, मोदी-शाह की जोड़ी ने किया पूरा

संविधान के अनुच्छेद 370 (Article 370) को खत्म करना बीजेपी का मुख्य एजेंडा रहा। पार्टी के विचारक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का राज्य के विशेष दर्जे का विरोध करते हुए 1953 में जम्मू-कश्मीर की एक जेल में...

अनुच्छेद 370: श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने लिया था संकल्प, मोदी-शाह की जोड़ी ने किया पूरा
लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 06 Aug 2019 10:36 AM
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संविधान के अनुच्छेद 370 (Article 370) को खत्म करना बीजेपी का मुख्य एजेंडा रहा। पार्टी के विचारक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का राज्य के विशेष दर्जे का विरोध करते हुए 1953 में जम्मू-कश्मीर की एक जेल में निधन हो गया था, जिसके बाद से कार्यकर्ताओं के लिए यह एक भावनात्मक मुद्दा बन गया था। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने का संकल्प लिया था, जिसे कई दशकों के बाद मोदी और शाह की जोड़ी ने सोमवार को खत्म किया। 

अनुच्छेद 370 को खत्म करने के लिए आंदोलन का नेतृत्व करते हुए मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर में प्रवेश किया था और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। वहां उनकी मौजूदगी अवैध मानी गई क्योंकि उस समय बाहरी लोगों को राज्य में प्रवेश करने के लिए परमिट हासिल करनी होता था। उनका नारा एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे काफी समय तक पार्टी का नारा बना रहा। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केंद्र में भाजपा की पहली सरकार के दौरान पार्टी ने तीन विवादास्पद एजेंडे को अलग रखने का निर्णय किया था ताकि लोकसभा में बहुमत हासिल करने के लिए धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ गठबंधन किया जा सके।

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जानिए कौन थे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी

डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी शिक्षाविद्, राष्ट्रवादी चिन्तक एवं भारतीय जनसंघ के संस्थापक रहे। उनका जन्म छह जुलाई 1901 में कोलकाता के प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। डॉ. मुखर्जी ने 1923 में लॉ की पढ़ाई की और विदेश चले गए। 1926 में इंग्लैंड से बैरिस्टर बन कर लौटे। अलख जगाने के उद्देश्य से राजनीति में प्रवेश किया। 1942 में ब्रिटिश शासन ने सभी नेताओं को जेल में बंद किया तब ये भी भारत छोड़ो आंदोलन के कारण जेल में बंद हुए। 1947 में देश आजाद हुआ ओर गांधी जी तथा सरदार पटेल ने पहले मंत्री मंडल में शामिल होने के लिए डा. मुखर्जी से अनुरोध किया। तब वह उद्योग मंत्री बने। 23 जून 1953 में रहस्मयमय परिस्थितियों में जम्मू-कश्मीर जेल में उनका निधन हो गया।

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