Phone call between Rajnath Singh and Army chief then a video call between NSA ajit Doval and Chinese foreign Minister सुबह 8:45 में राजनाथ सिंह को सेना प्रमुख का फोन, शाम में वीडियो कॉल पर अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री की बात, India News in Hindi - Hindustan
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सुबह 8:45 में राजनाथ सिंह को सेना प्रमुख का फोन, शाम में वीडियो कॉल पर अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री की बात

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी र्वी लद्दाख की गलवान घाटी और पैंगॉन्ग झील के चार स्थानों से पीछे जा रही है। इतना ही नहीं वहां बनाए गए संरचनाओं को भी ध्वस्त कर रही है। इसके बावजूद भारत एक...

Himanshu Jha शिशिर गुप्ता, एचटी, नई दिल्ली।Tue, 7 July 2020 10:35 AM
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सुबह 8:45 में राजनाथ सिंह को सेना प्रमुख का फोन, शाम में वीडियो कॉल पर अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री की बात

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी र्वी लद्दाख की गलवान घाटी और पैंगॉन्ग झील के चार स्थानों से पीछे जा रही है। इतना ही नहीं वहां बनाए गए संरचनाओं को भी ध्वस्त कर रही है। इसके बावजूद भारत एक सतर्क दृष्टिकोण अपनाएगा। एक कमांडर ने बताया कि कल शाम तक चीनी सैंनिकों के पीछे जाने की रफ्तार कम थी। अन्य स्थानों की तुलना में फिंगर 4 में इसके रफ्तार धीमी थी। उन्होंने कहा कि हमें किसी भी ठोस निष्कर्ष पर आने के लिए पैंगोंग त्सो में जारी चीनी हरकतों पर नजर बनाए रखने की आवश्यक्ता है।

सेना के अधिकारी ने कहा कि गालवान, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स में अपने सैन्य पोजिशन के मामले में चीनी सैनिकों को नुकसान था। पैंगोंग त्सो में हालांकि परिस्थिति चीन के पक्ष में थी, क्योंकि उन्होंने फिंगर 4 तक एक सड़क बनाई थी।

अधिकारियों ने कहा कि प्रत्येक प्वाइंट पर सैन्य कमांडरों द्वारा जमीन पर बातचीत की जा रही थी। 15 जून की हिंसक झड़प की जगह पर अपने सैनिकों की मौजूदगी को कम करने की प्रक्रिया पहले चीन ने शुरू की। एक बार जब वे इस प्रकिया को लगातार जारी रखे उसके बाद स्थानीय कमांडरों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी।

रविवार सुबह पहले राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख की बात
रविवार को सुबह लगभग 8.45 बजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सूचित करने के लिए सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने ने फोन किया। इसके बाद दोनों देशों के राजनयिकों ने शाम तक एक-दूसरे से संपर्क साधा। पहले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की योजना बनी। यह बातचीत करीब दो घंटे लंबी चली।

इस दौरान दोनों ने 15 जून की हिंसक झड़प के लिए एक-दूसरे के आरोपों पर असहमति जताई। इसके बावजूद दोनों के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनी। बातचीत के दौरान डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री से बातचीत के दौरान पूर्वी लद्दाख में 1597 किलोमीटर लंबे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के चार प्वाइंट पर भारतीय सेना के गश्त अधिकारों को बहाल करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस मामले की जनकारी रखने वाले अवगत लोगों ने कहा, 'सोमवार शाम तक चीन दोनों देशों के बीच गतिरोध वाले चार प्वाइंट यानी गालवान, गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और पैंगॉन्ग त्सो से वापस जाना शुरू कर दिया। भारतीय सेना भी गलवान में अपने बेस कैंपों में लौटी। पहले गोगरा (पेट्रोलिंग प्वाइंट 15) और हॉट स्प्रिंग्स (पेट्रोलिंग प्वाइंट 17) से सैनिक वापस जाना शुरू किए। इसी दौरान चीनी सैनिक फिंगर 4 पर बनाए संरचनाओं को भी खत्म कर रहे थे।

इस घटना की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि जब तक चीनी सैनिकों की वापसी पूरी नहीं हो जाती, तब तक भारतीय जवानों से कोई चूक नहीं होगी। तैनाती जारी रहेगा, क्योमकि अभी किसी भी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, 'हालांकि ये LAC पर विस्थापन के लिए उठाए गए पहले कदम हैं। अजीत डोभाल और वांग यी इस बात से सहमत हैं कि दोनों पक्षों गतिरोध वाले बिंदुओं पर गश्ती के अधिकार होंगे, लेकिन भविष्य में किसी भी टकराव से बचेंगे। हालांकि सीमा मुद्दों पर संयुक्त सचिव-स्तरीय Working Mechanism for Consultation and Coordination (WMCC) इन फैसलों को लागू करने के लिए जल्द ही बैठक करेगी। तीन सप्ताह बाद बातचीत करने के लिए दो बैठकें निर्धारित भी हैं।'

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