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दुनियाभर में टीके की रेस में सबसे आगे हैं फाइजर, मॉडर्ना और स्पूतनिक-वी, जानें अब तक किसके क्या रहे नतीजे

डब्ल्यूएचओ को प्राप्त प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, रूस की स्पूतनिक-वी, फाइजर/बायोएनटेक और मॉडर्ना द्वारा उत्पादित वैक्सीन ने 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावकारिता की सूचना दी है। ये अभी तक वैक्सीन दौड़ में...

 दुनियाभर में टीके की रेस में सबसे आगे हैं फाइजर, मॉडर्ना और स्पूतनिक-वी, जानें अब तक किसके क्या रहे नतीजे
एजेंसी ,जिनेवाSun, 29 Nov 2020 10:41 AM
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डब्ल्यूएचओ को प्राप्त प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, रूस की स्पूतनिक-वी, फाइजर/बायोएनटेक और मॉडर्ना द्वारा उत्पादित वैक्सीन ने 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावकारिता की सूचना दी है। ये अभी तक वैक्सीन दौड़ में सबसे आगे हैं।  हालांकि, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की अंतरिम विश्लेषण से औसत प्रभावकारिता 70 प्रतिशत पाई गई है, मगर यह परीक्षण खुराक में गलती के कारण अभी संदेह के दायरे में है। जबकि अमेरिका की जॉनसन एंड जॉनसन, चीन की सिनोवैक और कैनसिनो, जापान की नोवावैक्स आदि कई वैक्सीन अभी दूसरे एवं तीसरे चरण के नैदानिक ​​परीक्षण से गुजर रही हैं। 
 
फाइजर/बायोएनटेक :  
अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर/ जर्मन फार्मा कंपनी बायोएनटेक की एमआरएनए आधारित वैक्सीन 95 फीसदी प्रभावी साबित हुई है। लेकिन इसको माइनस 70 डिग्री सेल्सियस से भी कम तापमान में संग्रहीत करने की आवश्यकता होती है। इसकी 2020 के अंत तक पांच करोड़ तैयार की जाएंगी।

मॉडर्ना : 
अमेरिका दवा कंपनी मॉडर्ना की एमआरएनए आधारित वैक्सीन 94.5 फीसदी असरदार साबित हुई है। इसको सामान्य तौर पर एक महीने के लिए 02 से 08 डिग्री से. तापमान में संग्रहित किया जा सकता है। लंबी भंडारण अवधि के लिए और कम तापमान की आवश्यकता होती है। कंपनी को 2020 के अंत तक पांच करोड़ खुराक उत्पादन की उम्मीद है। 

ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका : 
ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन औसतन 70 फीसदी तक प्रभावी साबित हुई है। हालांकि, अभी सवालों के घेरे में हैं। इसको छह महीनों तक दो से आठ डिग्री तापमान में सुरक्षित रखा जा सकता है। इसकी 2020 के अंत तक 20 करोड़ तैयार की जाएंगी। 

स्पूतनिक-वी : 
रूस के दावे के अनुसार उसकी स्पूतनिक-वी वैक्सीन भी 95 फीसदी तक प्रभावी पाई गई है। इसके लिए कम से कम -18 डिग्री से. तापमान की आवश्यकता होती है। रूस को 2020 के अंत तक स्पूतनिक-वी वैक्सीन की 20 करोड़ खुराक के उत्पादन की उम्मीद है। भारत में मार्च 2021 तक अंतिम चरण का ट्रायल पूरा होने की संभावना है।

वैक्सीन के नतीजे और उनसे उम्मीदें
कोविड महामारी की मार से बचाने के लिए दुनियाभर की 200 से ज्यादा कंपनियां टीका बनाने में जुटी हुई हैं। इनमें स्टार्टअप से लेकर विश्व की शीर्ष दवा कंपनियां शामिल हैं। इस माह चार कंपनियों ने अपने परीक्षण के दावे पेश किए हैं। एक नजर देखें किस कंपनी के टीके की क्या खासियत है।

1 ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका
2 डोज
20260 लोगों पर परीक्षण 

131 को संक्रमण
इनमें से 30 उस ग्रुप से जिन्हें टीका लगाया गया था

सफलता
90 %
दो डोज में, औसत 70 फीसदी

आपूर्ति क्षमता और सौदा
2.9 अरब
डोज की क्षमता
3.2 अरब
डोज का सौदा 

4 से 5 डॉलर प्रति टीका 
(भारत में 3 से 5 डॉलर तक में मिल सकती है।)

पहला नंबर

अमेरिका
ब्रिटेन 
भारत 

मंजूरी की उम्मीद

दिसंबर में, सबसे पहले ब्रिटेन में 
 

2 फाइजर - बायोएनटेक 
दो डोज
44000 पर परीक्षण

170 को संक्रमण
इनमें से 8  उस ग्रुप से जिन्हें टीका लगाया गया था

सफलता
95%

आपूर्ति क्षमता और सौदा

1.3 अरब
डोज की क्षमता
1.1 अरब
डोज का सौदा 

कीमत 
20 डॉलर एक टीके की

सबसे पहले
अमेरिका
ब्रिटेन
ईयू 
जापान

मंजूरी
दिसंबर में, अमेरिका में

 

3 मॉडर्ना

2 डोज

30000 पर परीक्षण

95 संक्रमण 
इनमें से 5  उस ग्रुप से जिन्हें टीका लगाया गया था

सफलता
94.5 %

आपूर्ति क्षमता और सौदा 

1 अरब 
की क्षमता
0.77 अरब
का सौदा 

कीमत
25 से 37 डॉलर प्रति टीका

सबसे पहले
अमेरिका
कनाडा
जापान
यूरोपीय यूनियन 

मंजूरी
दिसंबर-जनवरी, ब्रिटेन में

 

4 गामेलिया इंस्टीट्यूट

दो डोज
40000 
पर परीक्षण

39 संक्रमण
इनमें से 8 उस ग्रुप से जिन्हें टीका लगाया गया था

सफलता
95 %

आपूर्ति क्षमता और सौदा 

1 अरब
क्षमता
0.54 अरब
सौदा 

कीमत
10 डॉलर एक टीका

सबसे पहले
रूस
भारत
वियतनाम
ब्राजील

मंजूरी
जनवरी 2021 तक 

 

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