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पेट्रोल-डीजल के दाम में उछाल की आशंका, जानिए क्या है वजह

दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी सऊदी अरामको पर ड्रोन हमले के बाद वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति प्रति दिन 57 लाख बैरल की कमी आई है। इसके चलते आने वाले महीनों में पूरी दुनिया सहित भारतीय...

पेट्रोल-डीजल के दाम में उछाल की आशंका, जानिए क्या है वजह
एजेंसी ,नई दिल्ली।Sun, 15 Sep 2019 09:38 PM
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दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी सऊदी अरामको पर ड्रोन हमले के बाद वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति प्रति दिन 57 लाख बैरल की कमी आई है। इसके चलते आने वाले महीनों में पूरी दुनिया सहित भारतीय बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित होने का अनुमान है। अगर ऐसा होता है तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें तेजी से बढ़ सकती है। इसका असर भारतीय बाजार पर भी हो सकता है।  यहां भी पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम में बढ़ोतरी हो सकती है।
 

एनर्जी विशेषज्ञों के अनुसार, ईरान और अमेरिका के बीच पहले से जारी तनाव के बीच अरामको पर हमले के बाद खाड़ी क्षेत्र में तनाव और बढ़ जाने की आशंका है। अगर खाड़ी क्षेत्र में तनाव गहराता है तो कच्चे तेल की कीमतें में आने वाले समय में बड़ी तेजी देखने को मिल सकती है। अगले एक महीने में एक बार फिर कच्चा तेल 70 डॉलर के पार जा सकता है। रूस व ओपेक देशों द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती के बीच अरामको पर यह हमला कच्चे तेल के वैश्विक बाजार में तूफान ला सकता है। ऐसा होने से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतियों और बढ़ जाएंगी क्योंकि भारत अपने जरूरत का करीब 80 फीसदी तेल आयात करता है। 

भारतीय अर्थव्यवस्था की चुनौतियां बढ़ाएगा
एनर्जी विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा ने हिन्दुस्तान को बताया कि अरामको के तेल संयंत्रों पर हमले से अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 60 लाख बैरल तेल की आपूर्ति कम होगी। इससे आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल सकती है। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करेगी कि अरामको कितनी जल्दी कच्चे तेल की आपूर्ति करना शुरू करता है। अगर कच्चा तेल 70 डॉलर प्रति बैरल के पार कर जाता है तो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चिंता की बात होगी। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतियां बढ़ाएगा। 

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हमलों के लिए ईरान जिम्मेदार
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अरामको के तेल संयत्रों पर हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया। पोम्पिओ ने कहा, यह हमला यमन से होने का कोई सबूत नहीं मिला है। ईरान ने अब वैश्विक कच्चा तेल आपूर्ति पर अप्रत्याशित हमला किया है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ सकते हैं तेल के दाम

सऊदी अरब दुनिया को सबसे अधिक हर दिन 70 करोड़ बैरल तेल बेचता है। सऊदी कंपनी अरामको के दो संयंत्रों में आग से उसका हर दिन उत्पादन करीब 50 फीसदी घटेगा। इससे कच्चे तेल की वैश्विक आपूर्ति और मांग का संतुलन बिगड़ेगा। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि अगर खाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ता है तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम सौ डॉलर प्रति बैरल तक जा सकते हैं। अभी कच्चे तेल 60-61 डॉलर प्रति बैरल के करीब है। 

भारत को तेल आपूर्ति के लिए अहम
चीन,अमेरिका के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का आयातकर्ता है। यह प्रतिदिन 49 लाख 30 हजार बैरल तेल आयात करता है। इराक के बाद सऊदी से भारत को दूसरी सबसे अधिक मात्रा में कच्चा तेल मिलता है। भारत ने 65 करोड़ टन तेल का नया रिजर्व भंडार बनाने का निर्णय लिया है, जिसमें सऊदी अरामको की हम भूमिका है।

रिलायंस के साथ साझेदारी करके चर्चा में आई
पिछले महीने अरामको तब चर्चा में आई थी जब मुकेश अंबानी ने घोषणा की कि सऊदी अरब की यह कंपनी रिलायंस के तेल-गैस एवं रसायन कारोबार के 20 प्रतिशत शेयर खरीदेगी।

सबसे अमीर तेल कंपनी है अरामको
- 1933 में स्थापित कंपनी का 1970 में राष्ट्रीयकरण हुआ
- 7.8 लाख करोड़ रुपये थी 2018 में अरामको की कमाई
- 65 हजार कर्मचारी वाली कंपनी हर दिन 1 अरब डॉलर कमाती है
-  125 करोड़ बैरल प्रतिदिन तेल उत्पादन होता है इसमें  
- 5 % से अधिक तेल आपूर्ति दुनिया को यह कंपनी करती है

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