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कोरोना महामारी से ठीक हो चुके लोगों में भी दोबारा संक्रमण का खतरा

कोविड-19 वायरस को समझने की वैज्ञानिक जितनी कोशिश कर रहे हैं, उतने ही रहस्य गहराते जा रहे हैं। कई देशों में जांच में यह बात सामने आ रही है कि कोरोना मरीजों में उपचार के बाद फिर संक्रमण का खतरा बरकरार...

कोरोना महामारी से ठीक हो चुके लोगों में भी दोबारा संक्रमण का खतरा
नई दिल्ली, मदन जैड़ाMon, 13 Apr 2020 05:48 AM
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कोविड-19 वायरस को समझने की वैज्ञानिक जितनी कोशिश कर रहे हैं, उतने ही रहस्य गहराते जा रहे हैं। कई देशों में जांच में यह बात सामने आ रही है कि कोरोना मरीजों में उपचार के बाद फिर संक्रमण का खतरा बरकरार है। दोबारा जांच में कई बार टेस्ट पॉजिटिव आना इस ओर संकेत करता है कि यदि ठीक होने के बाद रक्त में एंटीबॉडीज नहीं बन रही हैं तो फिर संक्रमण का खतरा हो सकता है।

चीन के फुदान विश्वविद्यालय के अस्पताल ने 130 स्वस्थ हो चुके मरीजों में एंटीबॉडीज की जांच की। इनमें आठ फीसदी यानी दस मरीजों में एंटीबॉडीज मिले ही नहीं। जबकि 30 फीसदी में एंटीबाडीज मिले पर उनकी मात्रा बेहद कम थी। जिन मरीजों में एंटीबॉडीज नहीं पाए गए, उन दस में से नौ की उम्र 40 साल से नीचे थी।

यह शोध भारत के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सरकार कोविड हॉटस्पॉट में एंटीबॉडीज के आधार पर संग्दिध मरीजों की जांच शुरू करने जा रही है। लेकिन यदि शरीर में एंटीबॉडीज बनेंगे ही नहीं तो मरीज की पहचान कैसे हो पाएगी।

एंटीबॉडी नहीं बनना खतरनाक : पहले वैज्ञानिकों के अध्ययनों में यह बात सामने आई थी कि 25 फीसदी लोगों में बीमारी के लक्षण प्रकट नहीं होते, वहीं नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि ठीक हो चुके करीब आठ फीसदी संक्रमित लोगों में एंटीबॉडी नहीं बन रहे हैं। मानव शरीर में एंटीबॉडी वायरस संक्रमण के खिलाफ ढाल काम करते हैं। अब सवाल उठने लगा है कि क्या यह वायरस हमारे शरीर के प्रतिरोधक तंत्र को खराब कर रहा है ?

कई सवाल खड़े हुए : दिल्ली के वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन के निदेशक डॉक्टर जुगल किशोर ने कहा कि सवाल यह खड़ा होता है कि क्या यह वायरस हमारे शरीर के प्रतिरोधक तंत्र को ही बिगाड़ रहा है। वहीं, इन मरीजों की आगे जांच होनी चाहिए कि कहीं उनमें देर से तो एंडीबॉडीज नहीं बन रही हैं। डॉ. किशोर के अनुसार यह आरंभिक अध्ययन है आगे अध्ययन की जरूरत है।

कोरिया में 91 लोग दोबारा संक्रमित दक्षिण कोरिया में बीमारी से उबर चुके कई लोग जांच में दोबारा संक्रमित पाए जा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि कोरोना मुक्त घोषित किए गए 91 रोगियों का टेस्ट फिर पॉजिटिव आ गया है। दक्षिण कोरिया के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के निदेशक जियोंग ईयून-कियोंग ने यह आशंका जताई कि वायरस दोबारा सक्रिय हो सकता है। जापान में 70 साल के व्यक्ति से पूरी तरह ठीक हो गए थे। लेकिन कुछ दिनों बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। डॉक्टरों ने दुबारा जांच में कराई तो उनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आ गई।

नोएडा में दो को फिर से कोरोना: गौतमबुद्ध नगर जिले के दो मरीजों की दो रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद भी उन्हें दोबारा संक्रमण हो गया है। उन्हें फिर ग्रेटर नोएडा के जिम्स में भर्ती कर लिया गया है। दोनों का नमूना लेकर चौथी बार जांच के लिए भेजा गया है। डॉक्टर इस स्थिति को देख असमंजस में हैं। इसके कारणों की जानकारी भी जुटा रहे हैं। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय माइक्रो बायलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विश्वास त्रिपाठी बताते हैं कि दो बार निगेटिव के बाद पॉजिटिव आने का मतलब शरीर में वायरस का दोबारा प्रकट होना है। 

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