दावा: लोगों तक 4 से 9 मिनट में पहुंच रही PCR, अमेरिका में लगते हैं 10 मिनट
पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) को आने वाली कॉल पर रिस्पांस टाइम पहले से बेहतर हुआ है। इसमें करीब एक मिनट की कमी आई है। पहले ज्यादातर कॉल में औसतन 5 से 10 मिनट का समय लगता था, जो अब 4 से 9 मिनट पर पहुंच...
पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) को आने वाली कॉल पर रिस्पांस टाइम पहले से बेहतर हुआ है। इसमें करीब एक मिनट की कमी आई है। पहले ज्यादातर कॉल में औसतन 5 से 10 मिनट का समय लगता था, जो अब 4 से 9 मिनट पर पहुंच गया है। दिल्ली पुलिस द्वारा नेशनल इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम' (एनईआरएस) 112 शुरू होने के बाद रिस्पांस टाइम को लेकर किए गए विश्लेषण में इस बात खुलासा हुआ है। एनईआरएस के अलावा पीसीआर यूनिट में किए गए तकनीकी बदलाव को भी रिस्पांस टाइम बेहतर करने में अहम माना जा रहा है। अब पीसीआर कॉल आते ही सीधे नजदीकी पीसीआर पर पहुंच जाती है। अब पहले कंट्रोल रूम में मैसेज लिखने और उसे पीसीआर को भेजने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है।
तकनीकी बदलाव से फायदा
'रिस्पांस टाइम' को बेहतर बनाने के लिए कंट्रोल रूम से लेकर पीसीआर वाहनों के संचालन में भी डिजिटल फॉरमेट की शुरुआत की गई है। इसके लिए पीसीआर में वीडियो कैमरे व फैबलेट लगाए गए हैं। इससे 'रिस्पांस टाइम' कम हुआ है।दरअसल, पहले सौ नंबर पर कॉल आने के बाद 'कॉल टेकर' कॉलर से जानकारी लेकर उसका इलेक्ट्रॉनिक चालान (कॉलर व परेशानी का विवरण) करता था और फिर उसे 'डिस्पैचर' के पास भेजता था। फिर वहां से संबंधित पीसीआर वाहन को सूचित किया जाता था। फैबलेट लगने से 'इलेक्ट्रॉनिक चालान' सीधे पीसीआर के पास पहुंच रहा है।
पीसीआर की संख्या बढ़ाई जाएगी
प्रति स्क्वायर किलोमीटर के फार्मूले पर करीब 500 और पीसीआर वाहनों को सड़क पर उतारने की योजना है। इससे इलाके का दायरा छोटा कर रिस्पांस टाइम को और भी बेहतर बनाया जा सकेगा। इस कवायद में अगली योजना यह है कि पीसीआर की संख्या में भी बढ़ोतरी की जाए, जिससे पीड़ितों तक दिल्ली पुलिस की पहुंच जल्द से जल्द हो सके।
इंग्लैंड और अमेरिका में 10 मिनट का समय
एक मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने दिल्ली होईकोर्ट को बताया था कि अमेरिका और इंग्लैंड में पुलिस का प्रक्रिया समय 9 से 10 मिनट का है। इस पर हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से यह कहा था कि अभी आपको अपना प्रदर्शन सुधारने की जरूरत है। तभी से दिल्ली पुलिस अपने रिस्पांस टाइम को बेहतर बनाने की कवायद में जुटी है और पीसीआर में तकनीकी बदलाव कर उसे और तेजतर्रार बनाने का प्रयास कर रही है। अब कम समय में पीसीआर लोगों के पास मदद के लिए पहुंच रही है।
एनईआरएस 112 शुरू होने के साथ हुए तकनीकी बदलाव के कारण कॉल सीधे नजदीकी पीसीआर तक पहुंच जाती है। इससे करीब एक मिनट बचती है।
मुक्तेश चंद्र, स्पेशल कमिश्नर ऑपरेशन