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फेसबुक विवाद पर संसदीय समिति की बैठक में बनी एक राय, बाद में इस पर होगी चर्चा

फेसबुक मामले को लेकर मचे राजनीतिक बवाल के बीच बुधवार को कांग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता में सूचना प्रौद्योगिकी मामलों की स्थायी समिति की बैठक हुई। इस बैठक के बाद शशि थरूर ने ट्वीट करते हुए कहा कि...

फेसबुक विवाद पर संसदीय समिति की बैठक में बनी एक राय, बाद में इस पर होगी चर्चा
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्ली।Wed, 02 Sep 2020 08:31 PM
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फेसबुक मामले को लेकर मचे राजनीतिक बवाल के बीच बुधवार को कांग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता में सूचना प्रौद्योगिकी मामलों की स्थायी समिति की बैठक हुई। इस बैठक के बाद शशि थरूर ने ट्वीट करते हुए कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी मामलों की संसदीय समिति की बैठक में यह सर्वसम्मति बनी है कि फेसबुक प्रतिनिधियों के साथ इस पर बाद में चर्चा शुरू की जाएगी।

संसद में हुई इस बैठक में फेसबुक इंडिया के एमडी अजीत मोहन भी शामिल हुए। गौरतलब है कि समिति ने फेसबुक के प्रतिनिधियों को तलब किया था। समिति ने फेसबुक से संबंधित मुद्दे पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों को भी तलब किया था। समिति की बैठक मंगलवार को होनी थी, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के कारण राष्ट्रीय शोक के चलते बुधवार को हुई। 

कांग्रेस ने कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों की खबरों का हवाला देते हुए मंगलवार को फेसबुक और भाजपा के बीच 'साठगांठ होने का आरोप फिर लगाया और दावा किया कि भारत के लोकतंत्र एवं सामाजिक सद्भाव पर किया गया हमला बेनकाब हुआ है। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि इस पूरे प्रकरण की तत्काल जांच होनी चाहिए और दोषी पाए जाने पर लोगों को दंडित किया जाना चाहिए।

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेरिकी अखबार 'वॉल स्ट्रीट जर्नल की हालिया खबर को ट्विटर पर साझा करते हुए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया, ''अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भारत के लोकतंत्र और सामाजिक सद्भाव पर फेसबुक एवं व्हाट्सऐप के खुलेआम हमले को बेनकाब कर दिया है।''

वहीं, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जुकरबर्ग को तीन पन्नों का पत्र लिखकर कहा कि फेसबुक के कर्मचारी चुनावों में लगातार हार का सामना करनेवाले लोगों और प्रधानमंत्री और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों को कथित ''अपशब्द'' कहने वालों का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि फेसबुक इंडिया टीम में बैठे लोग पक्षपात के मामलों की शिकायत के बावजूद कोई जवाब नहीं देते।

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