संसद सत्र का आज आगाज: विपक्ष के आक्रामक तेवर बरकरार, सरकार नियमों के तहत चर्चा को तैयार
विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने के केंद्र सरकार के ऐलान के बावजूद आज यानी सोमवार से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहेगा। विपक्ष जहां कृषि कानूनों के बाद अब न्यूनतम समर्थन मूल्य...
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विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने के केंद्र सरकार के ऐलान के बावजूद आज यानी सोमवार से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहेगा। विपक्ष जहां कृषि कानूनों के बाद अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी कानून को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की तैयारी कर रहा है। वहीं, पेगासस जासूसी विवाद, महंगाई, बेरोजगारी और चीन के अतिक्रमण जैसे मुद्दों को लेकर भी वह सरकार के घेरेगा। वहीं, सरकार ने सहयोग का आश्वासन दिया है।
शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों को भरोसा दिलाया कि वह विपक्ष के सकारात्मक सुझावों पर विचार करने और नियमों के तहत अध्यक्ष एवं सभापति की अनुमति से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने को तैयार है। सरकार की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल नहीं हुए। वहीं, आप सांसद संजय सिंह ने बैठक से वॉकआउट किया।
बैठक से बाहर आने के बाद संजय सिंह ने कहा कि उन्हें बोलने नहीं दिया गया। वह किसानों की एमएसपी कानून की मांग को उठाना चाहते थे, पर सरकार बैठक में किसी भी सदस्यों को बोलने नहीं देती। संजय सिंह की तरह विपक्ष के दूसरे नेताओं के तेवर भी बरकरार हैं। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘हम सरकार का सहयोग करना चाहते हैं। अच्छे विधेयक आएंगे तो हम सहयोग करेंगे।’
इसके साथ खड़गे यह कहना भी नहीं भूले कि संसद में चर्चा को लेकर विपक्ष की बात नहीं मानी गई तो सदन में व्यवधान की जिम्मेदारी सरकार की होगी। सत्र से पहले तृणमूल कांग्रेस के सख्त तेवरों के बावजूद कांग्रेस संसद में विपक्षी एकता बरकरार रखने की पूरी कोशिश करेगी। खड़गे ने सोमवार सुबह सत्र से पहले अपने दफ्तर में विपक्ष के नेताओं की बैठक बुलाई है, ताकि रणनीति तय की जा सके।
सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने एमएसपी कानून बनाने की मांग के साथ सरकार का ध्यान बिजली संशोधन विधेयक पर भी खींचा। विपक्ष की मांग है कि सरकार को बिजली संशोधन विधेयक को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए। खड़गे ने कहा कि बैठक में बिना समिति को भेजे विधेयकों को पारित कराने का मुद्दा भी उठा। सरकार ने भरोसा दिलाया है कि वह कुछ विधेयकों को पेश करने के बाद स्थाई समिति को भेजेगी।
तृणमूल की तरफ से बैठक में बेरोजगारी, मंहगाई, एमएसपी कानून बनाने, संघीय ढांचे को कई तरीके से कमजोर किए जाने, बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र समेत कुछ दस मुद्दों का जिक्र किया गया है, जिन पर सरकार से चर्चा कराने की मांग की गई है। बैठक में सरकार की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी शामिल हुए।
वहीं, कांग्रेस की ओर से खड़गे, आनंद शर्मा, अधीर रंजन चौधरी तो तृणमूल से सुदीप बंदोपाध्याय तथा डेरेक ओ ब्रायन, द्रमुक से टीआर बालू, सपा से रामगोपाल यादव, बसपा से सतीश चंद्र मिश्रा, बीजद से प्रसन्न आचार्य, नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारूक अब्दुल्ला व शिवसेना से विनायक राउत ने हिस्सा लिया।