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राष्ट्रपति मुखौटा भर बचे; संसद के उद्घाटन का बहिष्कार कर सकता है विपक्ष, सावरकर जयंती से भी है दिक्कत

देश की नई संसद बनकर तैयार हो गई है और पीएम नरेंद्र मोदी इसका 28 मई को उद्घाटन करने वाले हैं। इस बीच कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इसका बायकॉट करने की तैयारी में हैं। खड़गे ने इसका संकेत दिया है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 22 May 2023 08:03 AM
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देश की नई संसद बनकर तैयार हो गई है और पीएम नरेंद्र मोदी इसका 28 मई को उद्घाटन करने वाले हैं। इस बीच कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इसका बायकॉट करने की तैयारी में हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सबसे पहले इस पर सवाल उठाया कि आखिर नई संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से क्यों नहीं कराया जा रहा है। राहुल गांधी ने लिखा था, 'नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं।' राहुल के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी ऐसा ही सवाल उठाया है। 

यही नहीं चर्चा है कि कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इस आयोजन से किनारा भी कर सकते हैं। इससे पहले 2020 में जब संसद भवन का शिलान्यास हुआ था, तब भी कई दलों ने इसका बहिष्कार कर दिया था। तब कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों ने कहा था कि देश आर्थिक संकट और कोरोना जैसी महामारी के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में करोड़ों की पूंजी खर्च करके नया संसद भवन बनवाने की क्या जरूरत है। तब भी पीएम मोदी ही आयोजन के मुख्य अतिथि थे और उन्होंने संसद भवन का शिलान्यास किया था। अब उनके ही कार्यकाल में संसद भवन बनकर तैयार है। 

सूत्रों का कहना है कि विपक्ष को संसद भवन के उद्घाटन की तारीख से भी आपत्ति है। संसद का उद्घाटन 28 मई को हो रहा है और इसी दिन वीर सावरकर की जयंती भी होती है। कांग्रेस वीर सावरकर पर निशाना साधती रही है और उन्हें सांप्रदायिक राजनीति से जुड़ी शख्सियत बताती रही है। ऐसे में यह भी उसके लिए एक बहाना हो सकता है। इसके अलावा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से संसद के उद्घाटन की मांग भी उठाई जा रही है। फिलहाल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इस पर चर्चा कर रहे हैं औऱ सामूहिक सहमति बनाकर कार्यक्रम का बहिष्कार भी कर सकते हैं।

पहले शिलान्यास में रामनाथ कोविंद को ना बुलाने का आरोप

मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद का उद्घाटन पीएम मोदी के हाथों होने के फैसले पर सवाल उठाए। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह सरकार राष्ट्रपति को नाम के लिए ही मानती है। उन्होंने ट्वीट किया, 'ऐसा लगता है कि मोदी सरकार दलित और आदिवासी समुदाय से राष्ट्रपति का चुनाव सिर्फ चुनावी फायदे के लिए करती है। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संसद के शिलान्यास के मौके पर नहीं बुलाया गया था। अब  तो उद्घाटन पर भी नहीं बुलाया जा रहा। इस तरह भाजपा लगातार राष्ट्रपति का अपमान कर रही है।'

खड़गे बोले- अकेले ही सबका प्रतिनिधित्व करती हैं राष्ट्रपति

कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट किया, 'राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संसद के उद्घाटन में बुलाया तक नहीं गया है। संसद देश की सर्वोच्च विधायिका है और उससे जुड़े संस्थान के उद्घाटन पर राष्ट्रपति को बुलाना चाहिए। वह अकेले ही सरकार, विपक्ष और देश के हर नागरिक का प्रतिनिधित्व करती हैं। वह देश की पहली नागरिक हैं। उनके हाथों से यदि संसद का उद्घाटन होगा तो यह संदेश जाएगा कि सरकार लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों के साथ है और उन्हें बढ़ावा दे रही है।'

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