आतंकवादी एक्सपोर्ट करने वाला पाकिस्तान अब कोरोना करेगा एक्सपोर्ट: DGP दिलबाग सिंह
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा है कि ये बात सामने आई है कि अब तक आतंकवादी एक्सपोर्ट करने वाला पाकिस्तान अभी कोरोना के मरीज भी एक्सपोर्ट करेगा। कश्मीर में लोगों के बीच इन्फेक्शन फैलाएगा।...
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा है कि ये बात सामने आई है कि अब तक आतंकवादी एक्सपोर्ट करने वाला पाकिस्तान अभी कोरोना के मरीज भी एक्सपोर्ट करेगा। कश्मीर में लोगों के बीच इन्फेक्शन फैलाएगा। इसमें एहतियात बरतने की जरूरत है। वह बुधवार को जम्मू के गंदरबल के मणिगाम में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के अंदर क्वारंटाइन सेंटर का जायजा लिया।
वहीं डीजीपी दिलबाग सिंह ने मंगलवार को कहा था कि जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से लड़ रही है तब पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी इस केंद्रशासित प्रदेश में शांति भंग करने के प्रयास कर रहे हैं। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि हाल की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान में आतंकवादी प्रशिक्षण केंद्रों और उसके कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकवादी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं।
#WATCH "What we have heard is that till now, Pakistan used to export terrorists, now they will export coronavirus positive patients to infect people in Kashmir. It is a matter of concern," says, Jammu and Kashmir DGP Dilbag Singh pic.twitter.com/lx90yErJKW
— ANI (@ANI) April 22, 2020
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी एजेंसियां आतंकवादियों को अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पार कराने में मदद कर रही हैं। सिंह और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल जी सी मुर्मू के सलाहकार आर आर भटनागर ने कश्मीर घाटी में सुरक्षा की स्थिति एवं कोविड-19 संकट पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक की। हाल के आतंकवादी हमलों का जिक्र करते हुए पुलिस महानिदेशक ने कहा कि जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला करने की कोशिश कर रही है तब पाकिस्तान और उसके प्रायोजित आतंकवादी जम्मू कश्मीर में जिंदगियां सुरक्षित रखने के लिए उठाये गये कदमों को बाधित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान स्वास्थ्य संकट के दौरान भारतीय सुरक्षाबल सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था को बनाए रखते हुए शांति को मजबूत करते रहेंगे । उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी एजेंसियां शांति एवं सामान्य स्थिति एवं लोगों की जिंदगी और आजीविका को बिगाड़ने के अपने नापाक इरादे के लिए पाकिस्तान और पीओके में लांचिंग पैड से आतंकादियों को नियंत्रण रेखा एवं सीमा पार कराने में लगी हुई हैं। भटनागर ने कोरोना वायरस की स्थिति से निपटने तथा इसके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग और नागरिक प्रशासन की लड़ाई में सहयोग देने को लेकर पुलिस एवं सुरक्षाबलों के प्रयासों की सराहना की।
पाकिस्तान ने निगरानी सूची से क4000 आतंकवादियों के नाम हटाए
पाकिस्तान ने अपनी निगरानी सूची से करीब 4000 आतंकवादियों के नामों को हटा दिया है। इस सूची से उन लोगों के नाम भी हटाए गए हैं, जो 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के प्रमुख योजनाकार थे। एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) स्टार्टअप ने इस बात का खुलासा किया है।
पाकिस्तान भारत और दुनिया के अन्य कई हिस्सों में अपने आतंकवादियों को हमले के लिए भेजता रहा है। इस मामले में उसका पुराना इतिहास रहा है। इसी वजह से आतंकी फंडिंग के लिए वैश्विक निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखा है।
आतंकी फंडिंग पर लगाम कसने के लिए पाकिस्तान के प्रयासों से असंतुष्ट होकर एफएटीएफ ने फरवरी में कहा था कि ग्रे लिस्ट से बाहर होने के लिए इस्लामाबाद ने 27 में से केवल 14 बिंदुओं का पालन किया। अब एफएटीएफ को जून में पाकिस्तान की प्रगति का फिर से मूल्यांकन करना है।
न्यूयॉर्क स्थित स्टार्टअप 'कैस्टेलम' ने पाया है कि पिछले डेढ़ साल में बिना स्पष्टीकरण या अधिसूचना के पाकिस्तान ने 3800 आतंकवादियों के नामों को अपनी निगरानी सूची से हटा दिया है। कैस्टेलम की रिपोर्ट में बताया गया है कि इमरान खान सरकार ने नौ मार्च के बाद से अपनी आतंकवादी निगरानी सूची (वॉचलिस्ट) से बिना किसी सार्वजनिक स्पष्टीकरण के लगभग 1800 नामों को हटा दिया है।
इस सूची से लश्कर-ए-तैयबा के सरगना और मुंबई हमलों के कथित मास्टरमाइंड जका उर-रहमान समेत कई बड़े आतंकियों के नाम हटाए गए हैं। एफएटीएफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2018 में पाकिस्तान की आतंकवादी निगरानी सूची में लगभग 7600 नाम थे। वहीं, 15 अप्रैल को पाकिस्तानी अखबार के एक लेख में यह बताया गया था कि सूची से नाम इसलिए हटाए गए हैं, क्योंकि उसमें 7000 से अधिक ऐसे कई नाम थे, जिसमें कई गलतियां थीं। उसमें बताया गया कि कई नाम ऐसे थे, जिनकी मौत हो गई थी या नाम में बड़ी गलतियां थीं।