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पश्चिम के खिलाफ मुस्लिम देशों को एकजुट करेंगे पाक पीएम इमरान खान, इस एक्शन के लिए डालेंगे दबाव

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि वह दुनिया के बड़े मुस्लिम देशों को एकजुट करना चाहते हैं ताकि पश्चिमी देशों पर दबाव बन सके कि वे पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने वालों को दंडित करें।...

पश्चिम के खिलाफ मुस्लिम देशों को एकजुट करेंगे पाक पीएम इमरान खान, इस एक्शन के लिए डालेंगे दबाव
Surya Prakashहिन्दुस्तान ,इस्लामाबादTue, 27 Apr 2021 05:24 PM
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि वह दुनिया के बड़े मुस्लिम देशों को एकजुट करना चाहते हैं ताकि पश्चिमी देशों पर दबाव बन सके कि वे पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने वालों को दंडित करें। इमरान खान ने कहा कि मुस्लिम देश मिलकर संयुक्त राष्ट्र और यूरोपियन यूनियन पर दबाव बनाएंगे कि ईशनिंदा के खिलाफ कानून बनाया जा सके। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान ने कहा है कि मुस्लिम देश धमकी देंगे कि जो ईशनिंदा पर कानून नहीं बनाएंगे, उनसे कारोबार नहीं किया जाएगा। इमरान खान ने कहा कि मुस्लिम बहुल देशों को पश्चिमी देशों पर दबाव बनाना चाहिए कि दुनिया भर में मुस्लिमों की भावनाओं को आहत करने पर रोक लगाई जा सके।

इमरान खान ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद के अपमान पर वैसी ही सख्त सजा होनी चाहिए, जैसी यूरोपीय देशों में होलोकास्ट को लेकर है। इमरान खान ने इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मेरी कोशिश सभी मुस्लिम देशों के राष्ट्राध्यक्षों को एक करने की है। इमरान खान ने कहा कि हम सभी मिलकर यूरोपीय यूनियन, संयुक्त राष्ट्र पर दबाव बनाएंगे कि दुनिया भर में मौजूद 1.25 अरब मुस्लिमों का अपमान न किया जाए। इमरान खान ने कहा कि मैं मुस्लिम देशों को एकजुट करने का प्रयास करूंगा। हमारी यह रणनीति होगी कि जो भी मुस्लिमों की भावनाओं को आहत करेगा, उस देश के साथ कारोबार नहीं किया जाएगा। 

इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी पहले ही इस प्लान पर 4 मुस्लिम बहुल देशों के साथ चर्चा कर चुके हैं। इमरान खान का यह बयान पाकिस्तान में कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के आंदोलन के बाद आया है। दरअसल फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून के प्रकाशन को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। इसके विरोध में ही पाकिस्तान में हिंसक आंदोलन की शुरुआत हुई थी। इसके बाद फ्रांस ने अपने 15 राजनयिकों को पाकिस्तान से वापस बुला लिया था। इस घटनाक्रम के बाद फ्रांस और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।

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