पद्मावत विवाद: गुजरात में मूवी का विरोध, प्रदर्शनकारियों ने फूंकी दो बसें
फिल्म ‘पद्मावत’ के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने गांधीनगर और महेसाणा जिले में कुल चार सरकारी बसों को निशाना बनाया और इनमें से दो को पूरी तरह जला दिया। इन घटनाओं में कोई यात्री हताहत नहीं...
फिल्म ‘पद्मावत’ के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने गांधीनगर और महेसाणा जिले में कुल चार सरकारी बसों को निशाना बनाया और इनमें से दो को पूरी तरह जला दिया। इन घटनाओं में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ। हमलावरों ने इन सभी को पहले ही वाहनों से उतार दिया था। महेसाणा जिले के लांघणज थाने के मेउ गांव के निकट महेसाणा गोझारिया स्टेट हाईवे पर ऐसे अज्ञात प्रदर्शनकारियों ने दो बसों के यात्रियों को उतार कर इनमें आग लगा दी। इनमे से एक बस महेसाणा से झालोद जा रही थी जबकि दूसरी गांधीनगर से देओदर। दोनों बसें पूरी तरह जल गईं। इससे पहले गांधीनगर जिले के कलोल तालुका थाने में बलवा चौकड़ी के पास ऐसे ही संदिग्ध प्रदर्शनकारियों ने आज दो सरकारी बसों में तोड़फोड़ की तथा इन्हें जलाने का प्रयास भी किया।
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गुजरात में कुछ मल्टीप्लेक्सों का पद्मावत का प्रदर्शन नहीं
गुजरात में कुछ मल्टीप्लेक्स और सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर हिंसा के डर से संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को नहीं दिखाएंगे। वाइड एंगल मल्टीप्लेक्स के मालिक ने बताया कि वह तब तक फिल्म नहीं दिखाएंगे जब तक राजपूत समुदाय के नेताओं और फिल्म प्रोड्यूसरों के बीच विवाद सुलझ नहीं जाता। वाइड एंगल मल्टीप्लेक्स के अहमदाबाद शहर और मेहसाणा में थिएटर हैं। राज्य के कई हिस्सों में फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन जारी है लेकिन राजकोट के मल्टीप्लेक्स मालिकों के संघ ने कहा कि वे फिल्म नहीं दिखाएंगे।
करणी सेना को फिल्म देखने का आमंत्रण
जयपुर में फिल्म ‘पद्मावत’ के निर्माता भंसाली प्रोडक्शन ने राजपूत करणी सेना और राजपूत सभा को फिल्म देखने के लिए आमंत्रित किया है। राजपूत करणी सेना के संरक्षक लोकेन्द्र कालवी ने बताया कि भंसाली प्रोडेक्शन कम्पनी ने राजपूत करणी सेना और जयपुर के राजपूत सभा को एक पत्र भेजा है। लेकिन यह पत्र मूर्ख बनाने के लिए भेजा गया है। इस पत्र को जला दिया जाएगा और इसका कोई जवाब नहीं दिया जाएगा।
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मप्र में प्रदर्शन पर अनिश्चितता
उच्चतम न्यायालय द्वारा विवादास्पद फिल्म पद्मावत के 25 जनवरी को प्रदर्शन का रास्ता साफ करने के बावजूद प्रदेश के सिंगल स्क्रीन थियेटरों में इसके प्रदर्शन को लेकर फिलहाल अनिश्चितता का वातावरण बना है। सेन्ट्रल सिने सर्किट एसोसिएशन के पूर्व महासचिव और प्रदेश के प्रमुख फिल्म वितरक जितेन्द्र जैन ने बताया, प्रदेश सरकार के इस मामले में अब तक अपना रूख स्पष्ट नहीं करने के कारण प्रदेश में विशेषकर सिंगल स्क्रीन थियेटरों में फिल्म के प्रदर्शन को लेकर अनिश्चितता का वातावरण बना हुआ है।
शिवराज जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट
मध्यप्रदेश सरकार ने संकेत दिए कि वह 25 जनवरी को रिलीज होने जा रही विवादास्पद फिल्म पद्मावत का सूबे में प्रदर्शन रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। चौहान से यहां एक कार्यक्रम के बाद मीडिया के सवाल पर कहा, हम फिर उच्चतम न्यायालय की शरण में जाएंगे। राजपूत समाज के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान शिवराज ने कहा था कि पद्मावत को प्रदेश में प्रदर्शित होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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राजपूत समाज फिर सड़कों पर उतरा
उच्चतम न्यायालय के फिल्म पद्मावत की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने से इनकार के बाद अंबाला में राजपूत समाज एक बार फिर सड़कों पर उतर आया है और उसने यहां सिनेमा संचालकों को फिल्म न चलाने अन्यथा गम्भीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी।