कोरोना वायरस के कहर के बीच सबकी निगाहें वैक्सीन पर टिकी हैं। इस बीच अच्छी खबर यह है कि भारत में ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का ट्रायल कर रही कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल की बड़ी चुनौती को पार कर लिया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और आईसीएमआर ने ऐलान किया है कि भारत में कोविशील्ड (COVISHIELD) के लिए क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण का एनरोलमेंट संपन्न हो गया है।
सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदर पूनावाला का दावा, अगले साल जनवरी तक देश में आ जाएगी कोविड-19 वैक्सीन
एजेंसी की मानें तो आईसीएमआर और सीरम इंस्टीट्यूट कोवोवैक्स (COVOVAX, Novavax) के क्लिनिकल डेवलपमेंट के लिए भी साथ मिलकर काम कर रहे हैं। कोवोवैक्स (COVOVAX) को अमेरिका के नोवावैक्स ने विकसित किया है और सीरम इंस्टीट्यू इसे आगे बढ़ाने का काम कर रहा है।
Serum Institute of India & ICMR, announce completion of enrolment of phase 3 clinical trials for COVISHIELD in India. ICMR & SII have further collaborated for clinical development of COVOVAX (Novavax) developed by Novavax, USA & upscaled by SII: Serum Institute of India#COVID19 pic.twitter.com/1iUlbX4ouh
— ANI (@ANI) November 12, 2020
इससे पहले पुणे स्थित देश की बड़ी दवा निर्माता सीरम इंस्टीट्यू ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदर पूनावाला ने कहा था कि देश में जनवरी 2021 तक कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है। अदर पूनावाला ने कहा था कि भारत और यूनाइटेड किंगडम में परीक्षणों की सफलता और अगर समय पर रेगुलेटरी बॉडीज को मंजूरी मिल जाती है, इसके साथ ही अगर यह प्रतिरोधक और प्रभावी साबित होती है तो हम ये उम्मीद कर सकते हैं कि भारत में अगले साल जनवरी तक वैक्सीन उपलब्ध रहेगी।”
सरकार से सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ ने पूछा- सभी को कोरोना वैक्सीन देने के लिए हैं 80 हजार करोड़ रुपए?
बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ब्रिटिश-स्वीडिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनिका के साथ मिलकर कोविड-19 वैक्सीन को बनाने पर काम कर रही है। कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने तैयार किया है और इस वक्त देश में दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट की तरफ से इसे कम और मध्य आय वाले देशों के लिए तैयार की जा रही है।