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झारखंड में मंदिर की संपत्ति के स्थानांतरण की जांच सीबीआई को देने का आदेश रद्द

सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड में मंदिर की संपत्ति के कथित गैरकानूनी स्थानांतरण की जांच सीबीआई से कराने के आदेश को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जांच का आदेश विशेष परिस्थितियों में देना...

झारखंड में मंदिर की संपत्ति के स्थानांतरण की जांच सीबीआई को देने का आदेश रद्द
श्याम सुमन, नई दिल्ली, Fri, 03 May 2019 05:54 AM
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सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड में मंदिर की संपत्ति के कथित गैरकानूनी स्थानांतरण की जांच सीबीआई से कराने के आदेश को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जांच का आदेश विशेष परिस्थितियों में देना चाहिए।

सीबीआई जांच का यह आदेश झारखंड हाईकोर्ट ने दिया था। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि यह मामला धामिर्क ट्रस्ट या भगवान की संपत्तियों को बेचने के ट्रस्टियों के अधिकारों से संबंधित है जो कि एक दीवानी विवाद है। इसमें सीबीआई जांच का आदेश देकर हाईकोर्ट ने इस मामले में खुद को भ्रमित किया है।

एक जनहित याचिका पर विचार करते हुए हाईकोर्ट ने पाया था कि श्रीराम जानकीजी अस्थान तपोवन मंदिर ट्रस्ट, रांची ने मंदिर की संपत्ति को स्थानांतरित करने के लिए धोखे से बिहार राज्य धार्मिक ट्रस्ट बोर्ड से अनुमति ली है। चूंकि इस मामले में आरोप सरकार तथा बोर्ड पर थे इसलिए हाईकोर्ट ने 7 जून 2017 को इस मामले में सीबीआई जांच का आदेश दे दिया।

इस आदेश के खिलाफ ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। ट्रस्ट की वकील तूलिका मुखर्जी दलीलों में कहा कि हाईकोर्ट को इस मामले में दूर रहना चाहिए था, धार्मिक ट्रस्ट में संपत्तियों का विलय में कोई जनहित शामिल नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी पाया कि इस मामले में पुलिस में भी कोई शिकायत नहीं की गई है। कोर्ट ने कहा कि सिर्फ इस बात पर आरोप सरकार और बोर्ड पर हैं जिसमें सरकारी अधिकारी शामिल हैं, सीबीआई जांच का आदेश नहीं दे सकते। सरकार विभिन्न अधिकारियों के जरिये काम करती है और इसमें रोक तथा संतुलन के आंतरिक तरीके होते हैं। महज इसलिए कि अनुमति सरकार सरकार के अधिकारियों द्वारा दी गई है इसमें कोई आपराधिक कृत्य सामने नहीं आएगा। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट बिक्री और खरीद के मामले में सीबीआई जांच का आदेश देकर अपने क्षेत्राधिकार से आगे निकल गया था। 

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