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शीतकालीन सत्र का विपक्ष कर सकता है बहिष्कार, संसद में अब क्या होगा स्टैंड; कांग्रेस की अगुवाई में आज बनेगी रणनीति

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्षी एकजुटता में दरार दिखने के बाद कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष अब अलग रणनीति आजमा सकता है। कई मुद्दों पर सरकार को घेरने को आतुर विपक्ष की संसद में अब क्या...

शीतकालीन सत्र का विपक्ष कर सकता है बहिष्कार, संसद में अब क्या होगा स्टैंड; कांग्रेस की अगुवाई में आज बनेगी रणनीति
सौभद्र चटर्जी, एचटी,नई दिल्लीTue, 30 Nov 2021 08:46 AM
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संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्षी एकजुटता में दरार दिखने के बाद कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष अब अलग रणनीति आजमा सकता है। कई मुद्दों पर सरकार को घेरने को आतुर विपक्ष की संसद में अब क्या रणनीति होगी, इस पर आज मंथन होगा। संसद के दोनों सदनों से बिना बहस के तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले विधेयक को पास कराने और राज्यसभा में 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन के बाद कांग्रेस और 13 अन्य दल संसद के शीतकालीन सत्र का बहिष्कार करने पर विचार कर सकते हैं।
 
इस मामले से परिचित लोगों ने कहा कि आज यानी मंगलवार सुबह विपक्षी दलों की बैठक है। विपक्षी दलों की बैठक में जारी विरोध प्रदर्शन और कार्यवाही बाधित करने के साथ-साथ शेष शीतकालीन सत्र का बहिष्कार करने के विकल्पों चर्चा की जाएगी। बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हुआ और 23 दिसंबर तक चलेगा। बता दें कि मौजूदा शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित सांसदों में कांग्रेस के छह, टीएमसी और शिवसेना के दो-दो और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और सीपीआई (एम) से एक-एक शामिल हैं।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कांग्रेस के नेतृत्व वाली बैठक में शामिल नहीं होगी। पार्टी के राज्यसभा नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि इसने अपनी अगली कार्रवाई तय करने के लिए एक अलग बैठक बुलाई। शेष सत्र के लिए राज्यसभा से निलंबित किए गए 12 सांसदों में टीएमसी के दो सांसद भी शामिल हैं। बता दें कि पहले दिन भी विपक्षी दलों की बैठक से टीएमसी दूर रही थी। माना जा रहा है कि टीएमसी विपक्षी खेमे का नेतृत्व करना चाहती है। 

दो विपक्षी रणनीतिकारों ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि संसद के शीतकालीन सत्र का बहिष्कार करना एक विकल्प है, मगर पार्टियों को योजना के लिए सहमत होना होगा। यह योजना इस बात पर भी निर्भर करेगी कि कृषि विधेयक पर बहस करने में विफल रहने के बाद विपक्षी दलों को संसद में फसल समर्थन की गारंटी के लिए कानून की मांग करने का मौका मिलता है या नहीं। 

कांग्रेस के एक रणनीतिकार ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अगर हमें एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) कानून और संबंधित मुद्दों को उठाने का कोई अवसर नहीं मिलता है, तो हमारे पास सत्र के बहिष्कार करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा। वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के एलाराम करीम ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि आगे की दिशा तय करने के लिए हम मंगलवार को मिलेंगे। हमें सत्र का बहिष्कार करने के सुझाव मिले हैं। लेकिन हमें किसी भी सामूहिक निर्णय पर बात करने से पहले अपने संबंधित पक्षों से बात करनी होगी। करीम पिछले सत्र में कथित रूप से अनियंत्रित आचरण के लिए निलंबित सांसदों में से एक थे। 

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे अगले कदम पर चर्चा के लिए मंगलवार सुबह अन्य विपक्षी दलों से मुलाकात करेंगे। आम आदमी पार्टी (आप) और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सहित 14 राजनीतिक दलों के एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि राज्यसभा के विपक्षी दलों के नेता मंगलवार को बैठक करेंगे, ताकि सत्तावादी सरकार के निर्णय का विरोध करने के लिए और संसदीय लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए भविष्य की रणनीति पर विचार किया जा सके। 

इधर, पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ टीएमसी ने कांग्रेस से अलग होकर एक स्वतंत्र स्टैंड लिया और अपना निर्णय खुद लेने का फैसला किया। टीएमसी सोमवार को विपक्षी दलों बैठक में शामिल नहीं हुई थी, जिसमें पहली बार टीआरएस ने भाग लिया था। राज्यसभा में कृषि निरसन विधेयक पारित होने को लेकर टीआरएस नेता के केशव राव ने सरकार पर हमला बोला है।

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