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कृषि कानून गए, अब संसद में किसानों के इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष; जानें पूरी तैयारी

संसद के शीतकालीन सत्र में सोमवार से राजनीतिक तापमान चरम पर रहने वाला है। लोकसभा में विपक्ष ने कृषि कानूनों की वापसी के लिए विधेयक पेश किए जाने के दौरान सरकार को घेरने की तैयारी की है। विपक्ष की मंशा...

कृषि कानून गए, अब संसद में किसानों के इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष; जानें पूरी तैयारी
विशेष संवाददाता हिन्दुस्तान,नई दिल्लीSun, 28 Nov 2021 06:41 AM

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संसद के शीतकालीन सत्र में सोमवार से राजनीतिक तापमान चरम पर रहने वाला है। लोकसभा में विपक्ष ने कृषि कानूनों की वापसी के लिए विधेयक पेश किए जाने के दौरान सरकार को घेरने की तैयारी की है। विपक्ष की मंशा है कि किसानों की शहादत, परिजनों को मुआवजा, आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों की वापसी और एमएसपी जैसे मुद्दों पर सरकार से सवाल जवाब-किया जाए। 

महंगाई का मुद्दा भी जोर-शोर से उठेगा  
लखीमपुर की घटना के बहाने गृह राज्यमंत्री के इस्तीफे की मांग और महंगाई का मुद्दा भी जोर-शोर से विपक्ष उठाने के मूड में है। लेकिन, सरकार की घेरेबंदी में एक पेच विपक्षी कुनबे में दरार भी है। तृणमूल कांग्रेस इस बार कांग्रेस के साथ समन्वय बनाने के बजाय अपनी रणनीति अलग बनाने और खुद को विपक्ष के अगुवा के तौर पर संसद में पेश करने की तैयारी कर रही है। 

संख्या बल के हिसाब के सरकार को दिक्कत नहीं
सूत्रों का कहना है कि तृणमूल और कांग्रेस के रिश्तों में दरार के चलते विपक्षी कुनबा बिखरा तो इसका फायदा सत्ता पक्ष को मिल सकता है। फिलहाल लोकसभा मे जब सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लाने के लिए कोशिश कर रही होगी तो सरकार के लिए सदन में राहें आसान नहीं होगी। कृषि कानूनों की वापसी को लेकर प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद से ही विपक्षी दलों ने भी संसद में सरकार को घेरने की तैयारी की है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने अपने सभी सांसदों को 29 नवंबर को लोकसभा में हाज़िर होने और पार्टी के स्टैंड के पक्ष में रहने के लिए व्हिप भी जारी कर रखा है। हालांकि, संख्या बल के हिसाब से सरकार को कोई दिक्कत नहीं होने वाली है। 

हंगामेदार रहा था मानसून सत्र  
गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र बेहद हंगामेदार रहा था। किसानों और पेगासस जासूसी कांड को लेकर विपक्षी दलों ने संसद के दोनों सदनों में जोरदार विरोध और हंगामा किया था। दोनों सदनों की कार्यवाही काफी बाधित रही थी। इस बार सरकार के लिए मुश्किल यह है कि दोनों मुद्दों पर सरकार बैकफुट पर है। पेगासस मामले में सरकार के दावों को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जांच के लिए एक विशेष कमेटी का गठन कर दिया है। जबकि किसान कानूनों की वापसी पर अब सरकार को नया बिल लाना पड़ रहा है। साफ संकेत हैं कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राजनीतिक गर्मी रहने वाली है। आगामी चुनावों के मद्देनजर सरकार और विपक्ष एक-दूसरे पर हमलावर रहने वाले हैं।

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