भाजपा सांसद सीपी जोशी पर सती जैसी कुप्रथा के समर्थन का आरोप, विपक्ष का संसद में हंगामा
लोकसभा में मंगलवार को विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष का आरोप था कि भाजपा सांसद चंद्रप्रकाश जोशी ने सती जैसी कुप्रथा का समर्थन किया है। विरोध जताते हुए विपक्षी सदस्य सदन के वेल तक पहुंच गए।

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लोकसभा में मंगलवार को विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष का आरोप था कि भाजपा सांसद चंद्रप्रकाश जोशी ने सती जैसी कुप्रथा का समर्थन किया है। इस बात का विरोध जताते हुए विपक्षी सदस्य सदन के वेल तक पहुंच गए। तेज विरोध के बीच स्पीकर ओम बिरला ने कुछ समय के लिए सदन की कार्रवाई रोक दी। इसके बाद रिकॉर्ड्स चेक किए गए। चंद्रप्रकाश जोशी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से सांसद हैं।
रानी पद्मावती के जौहर का जिक्र
सीपी जोशी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत की थी। इस दौरान उन्होंने मेवाड़ की रानी पद्मावती का जिक्र किया था। रानी पद्मावती के बारे में माना जाता है कि उन्होंने आक्रमणकारी अलाउद्दीन खिलजी से सम्मान की रक्षा के लिए आत्मदाह कर लिया था। विपक्षी सांसदों एनसीपी से सुप्रिया सुले, डीएमके से कनिमोझी, दयानिधि मारन और ए राजा, कांग्रेस से के मुरलीधरन व एआईएमआईएम से इम्तियाज जलील ने इसका जमकर विरोध किया। उनका कहना था कि सीपी जोशी ने सती जैसी कुप्रथा का महिमामंडन किया है।
अपनी बात पर अडिग जोशी
वहीं, सीपी जोशी का कहना था कि उन्होंने सती का कोई जिक्र नहीं किया, बल्कि उनके कहने का यह आश था कि रानी पद्मावती ने अपने सम्मान की रक्षा के लिए जौहर किया था। उन्होंने कहा कि वह अपनी कही हुई बात पर अडिग हैं, जबकि विपक्षी सांसदों ने सदन के वेल में जमकर नारेबाजी की। निचले सदन में यह हंगामा करीब एक बजकर छह मिनट पर शुरू हुआ, जब विपक्षी सांसदों ने यह कहना शुरू किया कि सीपी जोशी ने आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 1.30 तक के लिए रोक दी गई।
तीन दिन तक बाधित रही थी कार्यवाही
इससे पहले दोनों सदानों की कार्यवाही लगातार तीन दिनों तक बाधित रही थी। विपक्षी सांसद एलआईसी और एसबीआई जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों द्वारा निवेश में कथित धोखाधड़ी पर चर्चा की मांग को लेकर विरेाध कर रहे थे। हालांकि बाद में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक के बाद आप और बीआरएस को छोड़कर सभी विपक्षी दल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा कराने पर सहमत हो गए थे। वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को कहा कि विपक्ष धन्यवाद प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए तैयार है, लेकिन सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंडनबर्ग-अडानी विवाद पर जवाब दें।