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असम में 18-44 आयु वर्ग के लिए टीके की केवल 20 से 25 हजार खुराकें ही बची हैं : हिमंत

असम में 18 से 44 आयु वर्ग के लिए कोविड-19 टीकों की कमी की ओर इशारा करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार को कहा कि राज्य के पास फिलहाल युवा आबादी के लिए केवल 20 हजार से 25 हजार खुराकें ही...

असम में 18-44 आयु वर्ग के लिए टीके की केवल 20 से 25 हजार खुराकें ही बची हैं : हिमंत
लाइव हिन्दुस्तान,गुवाहाटीSun, 30 May 2021 06:22 PM
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असम में 18 से 44 आयु वर्ग के लिए कोविड-19 टीकों की कमी की ओर इशारा करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार को कहा कि राज्य के पास फिलहाल युवा आबादी के लिए केवल 20 हजार से 25 हजार खुराकें ही बची हैं। गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) का दौरा करते वक्त सरमा ने यहां कहा कि राज्य का 15 अगस्त तक अपनी 30 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण का लक्ष्य है, बशर्ते उसे जरूरत के मुताबिक खुराकें उपलब्ध हों।

उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ''इस वक्त 18-44 आयु वर्ग के लिए कोई टीका नहीं है और केवल 20,000 से 25,000 खुराकें बची हैं। मैंने दो कंपनियों (टीकों की आपूर्ति करने वाली) से कल बात की और उन्होंने जून तक इस समूह के लिए सात लाख खुराकों की आपूर्ति का वादा किया है।'' असम और देश के ज्यादातर हिस्सों में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड और भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन टीके ही उपलब्ध हैं।

सरमा ने कहा कि 18-44 आयु वर्ग के लिए टीकों की खेप के पांच से छह जून के बीच असम पहुंचने की संभावना है, जिसके चलते इस आयु वर्ग में लोगों के टीकाकरण की गति अगले महीने के पहले हफ्ते तक धीमी रहेगी और युवाओं से धैर्य रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि मई में 4.5 लाख टीकों की उपलब्धता की तुलना में 18-44 आयु वर्ग के लिए राज्य को जून में सात लाख टीके मिलेंगे। हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि 45 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए टीकाकरण बिना किसी असर के जारी रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर टीके उपलब्ध रहते हैं तो उनकी सरकार का 15 अगस्त तक राज्य की 3.2 करोड़ आबादी में से 30 प्रतिशत को टीका लगाने का लक्ष्य है। सरमा ने कहा, ''अगर हमें टीके मिलते हैं तो हमारा लक्ष्य 15 अगस्त तक 1.1-1.2 करोड़ लोगों को टीका लगाने का है। हमें उम्मीद है कि टीकों की उपलब्धता उस वक्त तक सुधर जाएगी।'' टीकाकरण की कुल दर के बारे में उन्होंने कहा, “जून में मई की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक और जुलाई में 50 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। अगस्त में, हमें अधिशेष टीके मिलने की उम्मीद है, जिसका अर्थ है कि हर कोई जब टीका लगवाने आएगा तो उसे टीका मिलेगा।''

सरमा ने इससे पहले कहा था कि असम के पास हर दिन एक लाख व्यक्ति को टीका लगाने की क्षमता है लेकिन पिछले चार दिनों में यह आधे से भी कम पर आ गया है, जहां शनिवार को केवल 46,132 लोगों को ही टीका लग पाया। राज्य ने 18-44 आयु वर्ग के टीकाकरण अभियान के लिए क्राउडफंडिंग के जरिए अब तक 43 करोड़ रुपये चंदा जुटाया है। इस राशि का असम मुख्यमंत्री राहत कोष, असम आरोग्य निधि के माध्यम से टीकों को खरीदने में प्रयोग किया जा रहा है। ऑक्सीजन आपूर्ति के बारे में पूछने पर सरमा ने बताया कि तीन ऑक्सीजन ट्रेनें राज्य पहुंची हैं और भविष्य में ऐसी दो रेलगाड़ियां हर हफ्ते राज्य में पहुंचने की संभावना है।

उन्होंने कहा, ''हमने ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की समस्याओं को पार कर लिया है। गुवाहाटी में घरों में पृथकवास में रह रहे मरीजों की संख्या बहुत घटी है। शेष जिलों में ऐसे मामलों में 50 प्रतिशत तक की कमी देखी गई है।'' कोविड-19 से लगातार बड़ी संख्या में मौत पर सरमा ने कहा कि उन्होंने जीएमसीएच के अधिकारियों से चर्चा की है, जो राज्य में दैनिक मृत्यु दर को नीचे लाने के लिए विभिन्न दवाओं के साथ प्रयोग कर रहे हैं। जीएमसीएच में कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष रिपुन बोरा भर्ती हैं।

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