ऑनलाइन मनी गेम्स की होगी निगरानी, लत लगने को लेकर चिंता में सरकार
अगस्त में जब ऑनलाइन गेम्स के लिए कानून बन रहे थे उस दौरान एक प्रस्ताव पेश किया गया था। इसके मुताबिक इन गेम्स को स्किल और चांस के आधार पर अलग करने की बात कही गई थी। फिरअलग कानून बनाने की बात हुई थी।

इस खबर को सुनें
भारत में सभी ऑनलाइन मनी गेम्स की सरकार द्वारा निगरानी की जाएगी। पहले ऐसी खबरें आ रही थीं कि स्किल बेस्ड और चांस बेस्ड गेम्स की अलग-अलग निगरानी होगी। लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय से मिले दिशानिर्देशों के मुताबिक सभी ऑनलाइन गेम्स पर एक ही नियम लागू होंगे। रिसर्च फर्म रेडसीयर के मुताबिक साल 2026 तक भारत में ऑनलाइन गेम 7 बिलियन डॉलर का हो जाएगा। इसके चलते इन नियमों की अहमियत और ज्यादा बढ़ जाएगी। सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार इन प्लेटफॉर्म्स की लत लगने को लेकर चिंतित है।
प्रस्ताव में कही बात
अगस्त में जब ऑनलाइन गेम्स के लिए कानून बन रहे थे उस दौरान एक प्रस्ताव पेश किया गया था। इसके मुताबिक इन गेम्स को स्किल और चांस के आधार पर अलग करने की बात कही गई थी। फिर दोनों के लिए अलग-अलग कानून बनाने का सुझाव दिया गया था। चांस गेम्स जो गैंबलिंग से जुड़े हैं, पूरे भारत में प्रतिबंधित हैं। मीटिंग के दौरान कहा गया था कि इन गेम्स को स्टेट गवर्नमेंट की निगरानी में रहने दिया जाए। लेकिन 26 अक्टूबर को सरकारी मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने इस पर आपत्ति जताई।
कई बाधाएं थीं
कांफिडेंशियल दस्तावेजों के मुताबिक स्किल और चांस गेम्स को अलग करना कई वजहों से आसान नहीं था। इसमें कानूनी स्पष्टता, कोर्ट के फैसलों से जुड़ी बाधाएं थीं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने कार्ड गेम रमी और कुछ अन्य फैंटेसी गेम्स को स्किल बेस्ड गेम बताते हुए उन्हें लीगल बताया है। वहीं, अलग-अलग राज्य के कोर्ट में पोकर जैसे गेम्स को लेकर अलग राय है। वहीं, इस कानून को बनाने की प्रक्रिया से जुड़े तीन लोग, जिनमें से दो सरकारी अफसर हैं ने बताया कि नए कानूनों के तहत निगरानी की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी। वहीं, राज्य सरकार गैंबलिंग या चांस गेम्स पर प्रतिबंध लगा सकती है।