अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास पर बोले ओवैसी, पीएम मोदी की तरह मैं भी हूं भावुक
अयोध्या में राम जन्मभूमि पूजन के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को इस ऐतिहासिक मौके पर राम मंदिर के शिलान्यास की आधारशिला रखी। लेकिन, उनका वहां पर जाना एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी...
अयोध्या में राम जन्मभूमि पूजन के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को इस ऐतिहासिक मौके पर राम मंदिर के शिलान्यास की आधारशिला रखी। लेकिन, उनका वहां पर जाना एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी को रास नहीं आया। ओवैसी ने आरोप लगाया कि अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखकर पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय की शपथ का उल्लंघन किया है।
ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा, "भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। प्रधानमंत्री ने राम मंदिर की आधारशिला रखकर ऑफिस पद की शपथ का उल्लंघन किया है। यह धर्मनिरपेक्ष और लोकतंत्र की हार और हिन्दुत्व की विजय का दिन है।"
एआईएमएआईएम चीफ ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री ने आज कहा कि वे काफी भावुक थे। मैं भी यह कहना चाहता हूं कि मैं भी काफी भावुक हूं क्योंकि मैं सह-अस्तित्व और नागरिकों की समानता में विश्वास करता हूं। प्रधानमंत्री जी, मैं भावुक हूं क्योंकि एक मस्जिद वहां पर साढ़े चार सौ वर्षों से खड़ी थी।"
हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने इससे पहले सुझाव देते हुए कहा था कि नरेन्द्र मोदी को राम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के तौर पर शरीक नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि "पीएम को यह कहना चाहिए कि वह व्यक्तिगत तौर पर जाएंगे और किसी टेलीविजन चैनल को इसका लाइव टेलीकास्ट नहीं करना चाहिए।"
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इससे पहले ओवैसी ने बुधवार की सुबह एक ट्वीट करते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी।
#BabriMasjid thi, hai aur rahegi inshallah #BabriZindaHai pic.twitter.com/RIhWyUjcYT
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 5, 2020
ओवैसी ने कहा, "मैंने एक मैग्जीन को इंटरव्यू में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कार्यक्रम में शिरकत नहीं करना चाहिए। क्योंकि, अगर वे इसमें एक प्रधानमंत्री के तौर पर शामिल होते हैं तो देश में एक संदेश जाएगा कि प्रधानमंत्री एक धर्म में विश्वास करने वाले लोगों का समर्थन कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा था, देश का कोई धर्म नहीं है। क्या भारत और भारत सरकार का धर्म है? वह मुसलमानों, हिन्दुओं, दलितों, पिछड़ों, सिखों, ईसाईयों और जो किसी भी धर्म में विश्वास नहीं रखते हैं उन सभी के प्रधानमंत्री हैं।