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तेल के बदले भुगतान में भारत को ढील दें उत्पादक देश : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को तेल एवं गैस क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों के सीईओ और विशेषज्ञों से मुलाकात कर तेल के ऊंचे दामों पर चिंता जताई। उन्हें कच्चे तेल के बदले भुगतान में उत्पादक देशों से...

तेल के बदले भुगतान में भारत को ढील दें उत्पादक देश : मोदी
नई दिल्ली। विशेष संवाददाताTue, 16 Oct 2018 12:16 AM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को तेल एवं गैस क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों के सीईओ और विशेषज्ञों से मुलाकात कर तेल के ऊंचे दामों पर चिंता जताई। उन्हें कच्चे तेल के बदले भुगतान में उत्पादक देशों से भारत को ढील देने की अपील की। प्रधानमंत्री ने तेल उत्पादक देशों से आपूर्ति के बदले भुगतान की शर्तों में भी ढील की अपील की, ताकि रुपये को थोड़ी राहत मिल सके। अगर तेल उत्पादक देश डॉलर की जगह रुपये में भुगतान स्वीकार करते हैं तो भारतीय मुद्रा पर दबाव कम होगा। भारत चाहता है कि सऊदी जैसे उत्पादक देश भारत को भुगतान के लिए ज्यादा वक्त दें, जैसी रियायत ईरान से मिलती रही है। बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार भी उपस्थित थे।

मोदी ने कहा, तेल एवं गैस के ऊंचे दामों से पूरी दुनिया के आर्थिक विकास को नुकसान पहुंच रहा है, लेकिन तेल उत्पादक देश ही बाजार में आपूर्ति और कीमत तय करते हैं। पर्याप्त उत्पादन के बावजूद बाजारी नीतियों की वजह से कीमतों में उछाल लाया गया है। लिहाजा तेल उत्पादक और उपभोक्ता देशों के बीच तालमेल होना जरूरी है, तभी वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता आ पाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि कच्चे तेल के ऊंचे दामों की वजह से भारत को कई अन्य आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और पर्याप्त संसाधनों के लिए धन की कमी हो रही है। ऐसे में जब तक उत्पादक देश अपनी नीतियों में बदलाव नहीं लाएंगे, तब तक बाजार में उतार-चढ़ाव कम नहीं किया जा सकेगा। 

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प्रधानमंत्री ने बैठक में सऊदी के ऊर्जा मंत्री से पूछा कि आपके तेल उत्पादन की लागत कितनी है, तो उन्होंने कहा कि यह बहुत ज्यादा है और अगर तेल के दाम 40-50 डॉलर प्रति बैरल आते हैं तो उन्हें घाटा होना शुरू हो जाएगा। इस पर वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि राजस्थान में उन्हें तेल उत्खनन में 6-7 डॉलर प्रति बैरल की लागत आती है। 

विकसित देश तकनीक भी दें 

मोदी ने कंपनियों के सीईओ से कहा कि सरकार द्वारा तमाम सुविधाओं के बावजूद तेल एवं गैस क्षेत्र में कोई नया निवेश नहीं आया। उन्होंने विकसित देशों से खोज एवं उत्खनन के स्तर पर तकनीक देने की भी अपील की। साथ ही गैस क्षेत्र में भी निजी भागीदारी पर जोर दिया। 

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सीईओ ने सरकार के प्रयासों का सराहा

बैठक में सऊदी अरब, यूएई के ऊर्जा मंत्री, अरामको, एडनॉक, बीपी, रोसनेफ्ट, आईएचएस मार्किट, के साथ अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी व विश्व बैंक के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। कंपनियों के प्रतिनिधियों ने कारोबार में आसानी की दिशा में सरकार द्वारा चार सालों में उठाए गए कदमों को सराहा। साथ ही सौर ऊर्जा और जैव ईंधन के क्षेत्र में भारत के कदमों को महत्वपूर्ण बताया। 

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