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जब हादसे का शिकार हुई थी कोरोमंडल एक्सप्रेस, कैसा था अंदर का नजारा; VIDEO देख उड़ जाएंगे होश!

Odisha Train Accident: इसे ठीक उसी वक्त रिकॉर्ड किया गया था, जब यह हादसा हुआ। वीडियो में सबसे पहले ट्रेन की सफाई करने वाले कर्मी को कोरोमंडल एक्सप्रेस में देखा जा सकता है।

जब हादसे का शिकार हुई थी कोरोमंडल एक्सप्रेस, कैसा था अंदर का नजारा; VIDEO देख उड़ जाएंगे होश!
Madan Tiwariलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीThu, 08 Jun 2023 09:57 PM
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Odisha Train Video: ओडिशा के बालासोर जिले में पिछले हफ्ते हुए भीषण हादसे में 275 लोगों की जान चली गई, जबकि हजार से ज्यादा यात्री घायल हो गए। कोरोमंडल एक्सप्रेस समेत तीन ट्रेनों के बीच यह हादसा हुआ था, जिसमें एक मालगाड़ी भी थी। सबसे ज्यादा नुकसान कोरोमंडल एक्सप्रेस को पहुंचा और ट्रेन में सवार बड़ी संख्या में यात्रियों की जान चली गई। भयानक हादसे से जुड़ी हुईं कई तस्वीरें आपने देखी होंगी, लेकिन अब एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जोकि हादसे के वक्त का है और ट्रेन के भीतर रिकॉर्ड किया गया है।

ओडिशा के स्थानीय ओडिशा टीवी ने इस वीडियो को यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया है। इसे ठीक उसी वक्त रिकॉर्ड किया गया था, जब यह हादसा हुआ। वीडियो में सबसे पहले ट्रेन की सफाई करने वाले कर्मी को कोरोमंडल एक्सप्रेस में देखा जा सकता है। वह वाइपर से ट्रेन की एक बोगी को साफ कर रहा है। इसी दौरान कुछ यात्री बोगी में लेटे हुए भी दिखाई दे रहे हैं। इसी दौरान ट्रेन हादसे का शिकार हो जाती है और कैमरा हिलने-डुलने लगता है। हादसे के वक्त लोगों की ट्रेन में चीख-पुकार भी सुनी जा सकती है। यह वीडियो अपलोड करते हुए ओटीवी ने दावा किया है कि यह कोरोमंडल एक्सप्रेस का है। हालांकि, लाइव हिन्दुस्तान वीडियो के सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। वीडियो सामने आने के बाद यह वायरल हो गया है।

दुर्घटना स्थल को देखने आ रहे हैं लोग
वहीं, भीषण रेल हादसे के पांच-छह दिन बाद गतिविधियां सामान्य होने की तरफ बढ़ रही हैं। लेकिन कुछ यात्री स्टेशन और हादसे वाली जगह को देखने के लिए आ रहे हैं। भीषण गर्मी के बाद भी लोग हाथों में मोबाइल कैमरा लिए घटनास्थल पर दुर्घटनाग्रस्त रेलगाड़ियों के अवशेष देखने पहुंच रहे हैं। रेलवे अधिकारियों ने दुर्घटना वाले क्षेत्र को हरे कपड़े से ढक दिया है, लेकिन पटरियों के किनारे कर दिए गए दुर्घटनाग्रस्त डिब्बों को आसानी से देखा जा सकता है। अपनी पत्नी के साथ दुर्घटना स्थल पर पहुंचे अशोक बहेरा ने कहा, ''मैं भुवनेश्वर से यहां आया हूं। मेरे पास भावनाएं व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं।'' 

ऐसे शवों की पहचान करने में जुटा रेलवे
ट्रेन हादसे के जिन मृतकों के शवों की अब तक शिनाख्त नहीं हो सकी है, उनकी पहचान के लिए रेलवे कृत्रिम मेधा संचालित वेबसाइट और सिम कार्ड की त्रिकोणन विधि का उपयोग कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि दो जून को हुई दुर्घटना में मारे गए लोगों में से 83 शव बुधवार तक लावारिस पड़े थे। रेलवे ने शुरू में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की एक टीम को घटनास्थल पर बुलाया था ताकि मृतकों की पहचान के लिए उनके अंगूठे के निशान लिए जा सकें। एक अधिकारी ने कहा, ''लेकिन यह उपाय कारगर नहीं हो पाया क्योंकि ज्यादातर मामलों में अंगूठे की त्वचा क्षतिग्रस्त हो गई थी और निशान लेना मुश्किल था। फिर हमने कृत्रिम मेधा संचालित 'संचार साथी' पोर्टल का उपयोग करके शवों की पहचान करने के बारे में सोचा।'' अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में शुरू किए गए संचार साथी वेब पोर्टल का इस्तेमाल 64 शवों की पहचान के लिए किया गया और यह 45 मामलों में सफल रहा। 

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