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अब भारत का ऐक्शन, कनाडा के राजनयिक को देश से निकाला; राजदूत को भी तलब कर मांगा जवाब

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा के राजदूत को तलब किया और फिर एक सीनियर डिप्लोमैट को देश छोड़ने का आदेश दिया है। कनाडा के डिप्लोमैट को अगले 5 दिनों के अंदर भारत से लौटने को कहा गया है।

अब भारत का ऐक्शन, कनाडा के राजनयिक को देश से निकाला; राजदूत को भी तलब कर मांगा जवाब
Surya Prakashलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीTue, 19 Sep 2023 11:26 AM
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खालिस्तान के मामले में कनाडा और भारत के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। कनाडा ने भारतीय राजनयिक को देश से निकलने का आदेश दिया था और उसके जवाब में भारत ने भी कड़ा ऐक्शन लिया है। विदेश मंत्रालय ने कनाडा के राजदूत को तलब किया और फिर एक सीनियर डिप्लोमैट को देश छोड़ने का आदेश दिया है। कनाडा के डिप्लोमैट को अगले 5 दिनों के अंदर भारत से लौटने को कहा गया है। 

भारत ने कनाडा के जिस अधिकारी को देश से बाहर जाने को कहा है, उसका नाम ओलिवियर सिल्वसटेर है। ओलिवियर भारत में कनाडा की खुफिया एजेंसी के स्टेशन चीफ थे। भारत सरकार का कहना है कि कनाडा अपनी धरती पर खालिस्तानियों की हरकतों पर लगाम कसने में असफल रहा है। यही नहीं खुलेआम उनकी हिमायत भी की है। 

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डिप्लोमैट को देश से निकालने से पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा के राजदूत कैमरून मैकके को तलब किया था। इसी दौरान उन्हें बताया गया कि कनाडा के एक सीनियर डिप्लोमैट को देश से निकाला जा रहा है। उन्हें देश छोड़ने के लिए 5 दिन का वक्त मिलेगा। आमतौर पर रिश्ते खराब होने पर यदि कोई देश किसी के राजनयिक को बाहर करता है तो बदले में दूसरे देश की ओर से भी ऐसा ही ऐक्शन लिया जाता है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया, 'भारत में कनाडा के उच्चायुक्त को आज तलब किया गया था। इसी दौरान उन्हें बताया गया कि भारत सरकार ने कनाडा के एक डिप्लोमैट को देश से बाहर निकालने का फैसला लिया है। संबंधित डिप्लोमैट को 5 दिन में देश से निकलने को कहा गया है।' 

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इसी मामले पर पीएम नरेंद्र मोदी ने जी-20 समिट से इतर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात में आपत्ति जताई थी। हालांकि जस्टिन ट्रूडो जब कनाडा पहुंचे तो उनके तेवर ही बदले नजर आए। अपने देश पहुंचकर ट्रूडो ने संसद में दावा किया कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मामला उठाया था। भारत निज्जर को खालिस्तानी आतंकी मानता रहा है, लेकिन उसकी हत्या में किसी भी तरह से हाथ होने से इनकार किया था। वहीं कनाडा के पीएम ने कहा था कि हमारे पास इसके पुख्ता सबूत हैं कि निज्जर की हत्या से भारतीय एजेंसियों का लिंक था। 

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हालांकि भारत सरकार की ओर से यह नहीं बताया गया है कि कनाडा के किस डिप्लोमैट को देश से बाहर जाना होगा। इस फैसले से साफ है कि खालिस्तान के मामले में भारत किसी भी तरह से समझौते को तैयार नहीं है और यदि कनाडा अतिवादी तत्वों पर लगाम नहीं कसता है तो फिर कड़ा जवाब दिया जाएगा।